डिमोनेटाइजेशन नहीं डी-मोदी-टाइजेशन: हिंदू महासभा

नईदिल्ली। अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि नोटबंदी मोदी सरकार के शासन के अंत की शुरुआत है। महासभा के वरिष्‍ठ सदस्‍यों ने मोदी को हिंदू विरोधी भी बताया है। उन्‍होंने कहा कि हिंदुओं में शादी की सीजन से पहले नोटबंदी की गई। वहीं दूसरी ओर भाजपा नेता देश में इस्‍लामिक बैंकों को बढ़ावा दे रहे हैं। 

सरकार के कदम पर सवाल उठाते हुए हिंदू महासभा के राष्‍ट्रीय महासचिव पूजा शकुन पांडे ने कहा कि इस योजना का उद्देश्‍य अब तक समझ नहीं आया। उन्‍होंने अलीगढ़ में कहा, ”गरीब लोग जो रोज के 200-300 रुपये कमाते थे वे और सरकारी पेंशन पर जीवन गुजार रहे लोग सबसे ज्‍यादा प्रभावित हुए हैं। इस कदम का अमीरों पर कोई असर नहीं दिखता।”

पूजा ने आगे कहा कि नोटबंदी का एलान हिंदुओं में शादी का सीजन शुरू होने से ठीक पहले किया गया। हजारों परिवारों को अपने दोस्‍तों और रिश्‍तेदारों से पैसा उधार लेना पड़ा। कई परिवारों को शादी आगे खिसकानी पड़ी तो कई ने रद्द कर दी। ऐसे समय में तथा‍कथित हिंदुत्‍व पार्टी के नेता देश में इस्‍लामिक बैंकिंग को बढ़ावा दे रहे हैं। उनका इशारा शोलापुर से भाजपा सांसद ओर महाराष्‍ट्र के सहकारिता मंत्री सुभाष देशमुख की ओर था। देशमुख ने हाल ही में देश का पहला इस्‍लामिक बैंक शुरू किया है। लोकमंगल कॉपरेटिव बैंक लिमिटेड में बिना ब्‍याज के पैसे किए जाते हैं। यह पैसा अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के लोगों को जीरो रेट पर उधार दिया जाता है।

हिंदू महासभा के एक अन्‍य सदस्‍य ने कहा कि मोदी का हिंदुत्‍व का नकाब अब उतर रहा है। उन्‍होंने कहा, ”डिमोनेटाइजेशन वास्‍तव में डी-मोदी-टाइजेशन की ओर ले जाएगा।” महासभा के नेताओं ने मोदी फर्जी सर्जिकल स्‍ट्राइक्‍स के जरिए समर्थन हासिल करने का आरोप भी लगाया। उत्‍तर प्रदेश प्रवक्‍ता अशोक कुमार पांडे ने कहा कि सीमापार से आतंक बढ़ गया है। हमारे सैनिक हर रोज मारे जा रहे हैं। अगर सर्जिकल स्‍ट्राइक हुई थी तो उससे देश को फायदा क्‍यों नहीं हुआ। उन्‍होंने मोदी समर्थकों पर भी निशाना साधा और कहा कि ये लोग मोदी का विरोध करने वालों को देश विरोधी करार दे देते हैं।
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