आनेवाला शुक्रवार अमेरिका के इतिहास का खूनी शुक्रवार होगा: आतंकी धमकी

नई दिल्ली। इराक और सीरिया की जमीन से आईएसआईएस के पैर उखड़ने लगे हैं, लेकिन इस्लामिक स्टेट के जेहादियों ने दुनिया भर में अपनी दहशत कायम रखने के लिए सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका को ही धमकी दे डाली। ये धमकी आईएस ने एक वीडियो पैगाम के जरिए अमेरिका और पश्चिमी देशों तक पहुंचाई है। इसमें कहा गया है कि जिस शख्स ने मुसलमानों को भला बुरा कहा उसे व्हाइटहाउस में घुसने नहीं देंगे।

इस धमकी के एक हिस्से पर अमेरिका के नए नवेले राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का नाम भी लिखा बताया गया है। यानी आईएस का दावा है कि जिस रोज डॉनल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे, उस रोज अमेरिका को दहलाने की साजिश को अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।

मतलब सिर्फ इतना है कि जिस रोज डॉनल्ड ट्रंप अमेरिका के 45 वें राष्ट्रपति बनेंगे। बग़दादी के आतंकी अमेरिका में तबाही मचाने का खौफनाक इरादा अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश करेंगे। यानी बकौल आईएस शुक्रवार का वो दिन अमेरिका के इतिहास में खूनी शुक्रवार के तौर पर याद रखा जाएगा। ऐसा इस्लामिक स्टेट के जेहादियों ने दावा किया है।

वीडियो में आईएस आतंकवादी कहता है कि हमने तुमसे शुरुआत की और हम व्हाइट हाउस पर हमले के साथ इसका अंत करेंगे। हम व्हाइट हाउस को उड़ा देंगे, जिस तरह से हमने इराक में बुतों को तबाह किया, ठीक उसी तरह हम व्हाइट हाउस को भी तबाह कर देंगे और इस काम के लिए दिन भी मुकर्रर हो चुका है और तारीख भी तय है। जिस रोज इस्लाम का दुश्मन डॉनल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बनेगा हम उसे खत्म कर देंगे। हम उसे उस गद्दी पर नहीं बैठने देंगे, जिस पर बैठकर वो इस्लाम के खिलाफ कोई भी फरमान जारी कर सके।

आईएस ने इससे पहले भी वीडियो जारी करके न्यूयॉर्क सिटी पर भी हमले की धमकी दी थी। हालांकि, अभी तक इन धमकी भरे वीडियो को लेकर अमेरिका की किसी भी एजेंसी ने कोई बात जाहिर नहीं की, लेकिन ये बात भी करीब-करीब सामने आ चुकी है कि आईएस के इन धमकी भरे अल्फाजों को अमेरिकी खुफिया एजेंसियां पूरी तरह से नज़रअंदाज करने के मूड में कतई नहीं हैं। जिस वीडियो में इस्लामिक स्टेट के जेहादियों ने कहा है कि वो अबकी बार अमेरिका की धरती पर आकर हमला करेंगे और उसे खून से नहला देंगे। उस वीडियो की भाषा तो अरबी है, लेकिन उसमें इंग्लिश सबटाइटिल मौजूद हैं।

उस वीडियो में ओहायो की उस वारदात का भी जिक्र किया गया है जिसमें ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी में एक छात्र ने खूनखराबा किया था। इसमें नौ लोगों को गोली लगी थी। बाद में उस सोमालियाई शरणार्थी की पहचान 18 साल के अब्दुल रज्ज़ाक अली अरतन के तौर पर हुई थी।

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