
पुलिस का कहना है कि आत्महत्या के पीछे कोई ठोस कारण सामने नहीं आया है, लेकिन परिचितों ने बताया वह किसी बात को लेकर तनाव में था। घटना से पहले उसने काफी नशा भी किया था। संभवत: नशे में ही उसने छलांग लगाई है। घर में डॉक्टर की शादी की बातें चल रही थी और सभी लाग खुश थे। डॉ. आशीष के अफेयर का कोई प्रसंग सामने नहीं आया है।
सुसाइड नोट भी नहीं मिला
संयोगितागंज पुलिस के अनुसार मृतक हंसमुख सदन बिल्डिंग में रहने वाला डॉ. आशीष पिता जीडी बघेल था। इस बिल्डिंग में रहने वाले संजय पिता डीआर नेगी ने पुलिस को बताया डॉ. आशीष का परिवार एरोड्रम क्षेत्र में सद् गुरु पेराडाइस कॉलोनी में रहता है। उन्होंने शासकीय डेंटल कॉलेज से बीडीएस करने के बाद मॉडर्न डेंटल कॉलेज में एमडीएस ऑर्थो में एडमिशन लिया था। छह माह बाद ही उनका फाइनल ईयर पूरा होने वाला था। परिवार में बड़े भाई प्रदीप बघेल और भाभी हैं, जो यहीं रहते हैं। पिता जीडी बघेल रिटायर्ड डिप्टी कलेक्टर, जो छिंदवाड़ा में रहते हैं।
हर कोई अचंभित है
इधर, आशीष के बड़े भाई व भाभी सूचना मिलने पर एमवाय अस्पताल पहुंचे। वहीं डेंटल कॉलेज के कई साथी व डॉक्टर भी पहुंच गए थे। साथी डॉक्टरों ने बताया वे शासकीय डेंटल कॉलेज में भी पढ़ाने आते थे। उनकी मौत से हर कोई अचंभित था।
क्या कोई और भी था साथ में
पुलिस ने घटनास्थल की जांच की तो पता चला डॉ. आशीष जिस फ्लैट से कूदे हैं वह खाली पड़ा है। वे अकसर अकेले होने पर यहां आते-जाते थे। जिस कमरे की खिड़की से छलांग लगाई है उसमें पुलिस को शराब की दो और बियर की तीन बोतलें, सिगरेट के पैकेट्स, लैपटॉप और मोबाइल मिला है। इतनी मात्रा में शराब और बीयर अकेला आदमी तो पी नहीं सकता। यदि पी ले तो वो छलांग लगाने लायक नहीं रह जाएगा। सवाल यह भी है कि क्या कोई और भी वहां मौजूद था।
किसी ने छलांग लगाते नहीं देखा
पुलिस सामान को जब्त कर मोबाइल व लैपटॉप से आत्महत्या के पीछे की वजह तलाशने में जुटी है। फिलहाल मर्ग कायम किया है। आशीष ने जब छलांग लगाई तो वह बिल्डिंग के पास रहने वाले पड़ोसी के आंगन में गिरा। पड़ोस में रहने वाली लक्ष्मीबाई ने बताया दोपहर करीब 12 बजे वे आंगन में सब्जी छांट रही थी तभी अचानक जोर से किसी बड़े पत्थर के गिरने जैसी आवाज आई तो वे दूर भागीं। इसी दौरान जब आशीष को लहूलुहान देखा तो चीख पड़ी। तत्काल पड़ोसी व पुलिस भी मौके पर पहुंची। परिजन ने बताया डॉ. आशीष की शादी की बातें भी चल रही थीं।