गोरखपुर। अगर आप भी यातायात नियमों को ट्रैफिक इंस्पेक्टर की गैर-मौजूदगी में तोड़ देते हैं तो अब आपका ड्राइविंग लाइसेंस ही आपकी चुगली करेगा। अगर आपने निर्धारित मानक से तेज गति में अपनी गाड़ी दौड़ाई तो आरटीओ कार्यालय से ही आपकी गति को दृष्टिगत रखते हुए ऑनलाइन चालान काट दिया जाएगा।
आपकी जासूसी आपके डीएल में लगा इलेक्ट्रॉनिक चिप जीपीएस के माध्यम से करेगा। बता दें कि केंद्र में डिजिटलाइजेशन के बाद केंद्रीय परिवहन मंत्रालय में मुख्य सर्वर स्थापित कर अपने सभी कार्यालयों को जीपीएस से जोड़ दिया है। मुख्य सर्वर से प्रदेश के सभी परिवहन कार्यालयों को जोड़ा जा रहा है। आशा है कि शीघ्र ही इस योजना को क्रियान्वित कर दिया जाएगा।
डिजिटल इंडिया के तहत कार्य कर रहे वाहन फोर के माध्यम से वाहन व इसके चालक पर आसानी से नजर रखी जा सकेगी। इसका फंडा ये है कि स्मार्ट डीएल में लगी इलेक्ट्रॉनिक चिप को जीपीएस से जोड़ दिया जाएगा। इसके बाद वाहन चालक की पल पल की गतिविधियों से आरटीओ कार्यालय अवगत होता रहेगा। सिस्टम से ये भी पता चलेगा कि चालक किस गति से वाहन चला रहा है।
जिसका रिकॉर्ड विभाग में 24 घंटे तक सुरक्षित भी रहेगा। इसके लिए परिवहन अधिकारी वाहन की गति संदिग्ध दिखने पर चालक के डीएल को हैण्ड हेल्ड मशीन में डालेगा। जिससे वाहन की गति की जानकारी होने के साथ ही 24 घण्टे में किस मार्ग पर कितने घण्टे वाहन चला, ये भी पता चल जाएगा।
इस सम्बन्ध में गोरखपुर के संभागीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) एम. अंसारी ने कहा कि वाहन फोर एक ऐसी व्यवस्था है,जिसमे परिवहन से सम्बंधित जानकारियां अपडेट होंगी। इसको शीघ्र ही शुरू कर दिया जाएगा। उम्मीद है कि नए वर्ष के जनवरी माह में ही यह व्यवस्था काम करने लगेगी। इसके माध्यम से कई आधुनिक सुविधाएं भी प्राप्त होंगी। इससे वाहन के माध्यम से चालक और चालक के माध्यम से वाहन की जानकारी आसानी से प्राप्त हो जाएगी।