
बनारस के रहने वाले शिवानंद जी एक नियमित जीवन जीते हैं। जिस समय सारी जनता सोने जाती है उस समय वह सो कर उठ जाते हैं। यानी कि वह सुबह 3:00 बजे ही उठ जाते हैं उसके बाद वह अपने दैनिक कार्यों से निवृत होकर ध्यान में बैठ जाते हैं। योग क्रियाओं का सिलसिला लगभग 1 घंटे तक चलता है। वह बिल्कुल सादा खाना खाते हैं जिसमें उबला हुआ आलू करेले की सब्जी दाल चावल नीम की सूखी पत्तियों का सेवन आदि है। अपने खाने में वह बिल्कुल भी मसालों का उपयोग नहीं करते अधिकांश लोग जो सामान्य भोजन का इस्तेमाल करते हैं वह दूध और फलाहार का सेवन करते हैं लेकिन शिवानंद जी ने उनका त्याग कर रखा है।
जब भी उनसे उनकी दीर्घायु के बारे में पूछा जाता है तो वह सिर्फ यही कहते हैं कि यह अच्छी आदतों की वजह से ही हुआ है। उनका कहना है कि अच्छी आदतों को अपने जीवन में डालकर उन्हें ना तो कभी डिप्रेशन होता है और ना ही हाइपरटेंशन। 8 अगस्त 1886 में श्री हट जिले के हबीबगंज में उनका जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वर्तमान समय में यह जगह बांग्लादेश में आती है उनके माता-पिता भिक्षा मांग कर अपना जीवन यापन करते थे। इस हिसाब से उनकी उम्र करीबन 120 साल है।
बाबा के शिष्य हैं चाहते हैं कि उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो। बाबा के पास आधार कार्ड भी है जो इस बात को प्रमाणित करता है कि वह 120 वर्ष की आयु के हैं। आज के जमाने में यह बात किसी चमत्कार से कम नहीं।