कर्मचारी महापंचायत: शिवराज सिंह स्वागत कराने आए थे, कर्मचारियों ने विरोध कर दिया

भोपाल। अपनी ताजपोशी से लगतार वर्गीकृत महापंचायतों की राजनीति करते आ रहे सीएम शिवराज सिंह चौहान के लिए कर्मचारी महापंचायत का आयोजन भारी पड़ गया। मौजूद श्रोताओं के मन मुताबिक भाषण देने में माहिर शिवराज सिंह चौहान के भाषण के बाद महपंचायत में विरोध फूट पड़ा। हजारों कर्मचारी पंचायत के दौरान ही धरने पर बैठ गए। 

मंत्रालयीन कर्मचारी संघ और लिपिक वर्गीय संघ ने मंत्रालय के सामने महापंचायत का आयोजन किया था। इसमें प्रदेशभर से करीब 5000 कर्मचारी शामिल हुए। सरदार वल्लभ भाई पटेल पार्क में आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान थे। विशिष्ट अतिथि राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता एवं जीएडी राज्य मंत्री लालसिंह आर्य थे। इसके अलावा खनिज विकास निगम के चेयरमैन शिव चौबे और राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के चेयरमैन रमेशचंद्र शर्मा भी मौजूद थे। पंचायत में कर्मचारियों की लंबित मांगों पर विचार किया जाना था। 

कर्मचारी संगठनों को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री उनके हित में कोई घोषणा करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मुख्यमंत्री ने 7वें वेतनमान की घोषणा की, लेकिन यह कब और किस रूप में मिलेगा, यह नहीं बताया, तो कर्मचारी नाराज हो गए। जैसे ही CM सभा स्थल से रवाना हुए, हजारों कर्मचारी वहां धरने पर बैठ गए।

मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक के अलावा कर्मचारी नेता मनोज वाजपेयी ने बताया कि लिपिकों की वेतन विसंगति को दूर करने सरकार ने एक कमेटी बनाई थी। उसकी रिपोर्ट सोमवार को सौंपी गई। लेकिन उसे सार्वजनिक नहीं किया गया। जब तक कर्मचारियों की मांगें पूरी नहीं होतीं, धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा।

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