डीडीसी सपोर्ट स्टाफ की सेवाएं फिर से बहाल करने के आदेश जारी

भोपाल। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत सरदार वल्लभ भाई पटेल नि:शुल्क दवा वितरण योजना में कार्य करने वाले 406 दवा वितरण सहायकों (डीडीसी सपोर्ट स्टाफ) को सेवा में पुनः रखने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन संचालक व्ही. किरण गोपाल ने प्रदेश के समस्त पचास जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी मप्र समस्त सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक, समस्त विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिये हैं। 

सेवा समाप्ति के विरोध में मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर एवं पदाधिकारियों के नेतृत्व में लगातार आंदोलन किया जा रहा था। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में दवा वितरण सहायकों तथा विभिन्न संवर्गो के संविदा कर्मचारियों को हटाने के विरोध में मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने 4 अक्टूबर को प्रदेश व्यापी धरना राजधानी के नीलम पार्क में भी किया था तथा मुख्यमत्री, स्वास्थ्य मंत्री, मिशन संचालक व्ही किरण गोपाल, प्रमुख सचिव गौरी सिंह को ज्ञापन भी सौंपा था। जिस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, स्वास्थ्य मंत्री रूस्तम सिंह ने संविदा कर्मचारियों की सेवा बहाल किये जाने का आश्वासन भी दिया था । 

महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि सरदार वल्लभ भाई पटेल निःशुल्क दवा वितरण केन्द्रों में समाचार पत्रों में विज्ञापन निकालकर विधिवत् एम.पी. आन लाईन की परीक्षा में मेरिट के आधार पर उत्तीण होकर दवा वितरण सहायकों की नियुक्ति विगत तीन वर्ष पूर्व की गई थी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ( एनएचएम ) ने तीन वर्ष कार्य लेने के पश्चात् जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश जारी किये गये थे कि वर्ष 2016-17 की वार्षिक कार्य योजना में दवा वितरण सहायकों के पद की स्वीकृति और बजट नहीं होने के कारण इनकी सेवाएं समाप्त की जाएं। जिसके कारण जिलों में कार्यरत दवा वितरण सहायकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई थीं। 

महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि सरदार वल्लभ भाई पटेल दवा वितरण योजना में इनके साथ फार्मासिस्ट, कम्प्युटर आपेरटर की भी नियुक्ति की गई थी उनकी सेवाएं यथावत् जारी थीं। केवल दवा वितरण सहायकों की सेवाएं समाप्त करने के निर्देश जारी किये गये थे। 

वार्षिक कार्य योजना में पद स्वीकृत नहीं होने का लिया था झूठा सहारा
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा बार-बार यह कहा जा रहा था कि वार्षिक कार्य योजना में पद समाप्त हो गये हैं । जबकि असलीयत यह थी कि वार्षिक कार्य योजना यहीं से बनाकर भेजी जाती है। अधिकारियों के द्वारा खुद ही मप्र से कार्य योेजना में इनके पद प्रस्तावित नहीं किये जिसके कारण केन्द्र से बजट नहीं आया था।

डीडीसी सर्पोर्ट स्टाफ के वापसी के पश्चात् महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा है कि संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में अभी जिन कर्मचारियों की वापसी नहीं हो पाई है उनकी वापसी की लड़ाई और लड़ेगा जैसे अर्श काउंसलर, स्तनपान सलाहकार, एनएम. बीमाक एकाउन्टेंट आदि । जब तक सभी संविदा कर्मचारियों की वापसी नहीं हो जाती तब तक संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ लड़ाई लड़ता रहेगा।

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