सारी जिंदगी ईमानदार रहे विधायक, मौत के बाद परिवार तड़प रहा है

बैतूल। आमतौर पर यह माना है कि कोई सांसद-विधायक बन जाता है तो वह करोड़ों में खेलने लग जाता है। खासकर, यदि वह पार्टी सत्ता में हो तो फिर कमाई तो हो ही जाती है। ऐसे में कभी-कभार ऐसे भी मौके आते हैं, जब पता चलता है कि सभी बेइमान नहीं होते। ईमानदारी बची हुई है।

बात हो रही है तीन बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक रह चुके गुरुबख्श अतुलकर और उनके परिवार की। 21 दिसंबर, 2013 को उनकी मौत हो गई थी। उसके बाद से परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। आज हालात यह है कि उनकी जमीन तक नीलाम होने की नौबत आ गई है। शिवराज सरकार की मशीनरी किस तरह काम कर रही है कि मौत के तीन साल बाद भी उनकी विधवा को पेंशन नहीं मिल सका है। 

भूतपूर्व विधायक की विधवा अपने पति की मौत के बाद से पिछले तीन सालों से पेंशन पाने के लिए दर-दर भटक रही है। सुनने वाला कोई नहीं है। अब उन्होंने कलेक्टर से गुहार लगाई है। अपनी समस्या का समाधान करने की विनती की है।

आमला विधान सभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रह चुके कांग्रेस विधायक गुरुबख्श अतुलकर का परिवार उनकी मौत के बाद आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। अतुलकर आमला विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 1977-1980, वर्ष 1989-1985 और 1993 से 1998 तक तीन बार विधायक रहे। तीन साल पहले 21 दिसम्बर, 2013 को उनका निधन हो गया। उसके बाद से ही उनके परिवार पर आर्थिक तंगी आ गई।

शुरू नहीं हुई पेंशन
पूर्व विधायक अतुलकर की विधवा छाया अतुलकर ने बताया कि पति की मौत के बाद उन्होंने पूर्व विधायक की पत्नी को मिलने वाली पेंशन के लिए आवेदन दिया था, लेकिन तीन साल हो गये और अबतक पेंशन नहीं मिल पा रहा है। श्रीमती अतुलकर ने बताया कि उनके पति ने आमला में पेट्रोल पंप शुरू करने के लिए 20 लाख रुपए का लोन लिया था। असामयिक मौत के बाद उन्होंने अपने गहने और कार बेचकर बैंक की किश्त जमा की है।

बैंक नीलाम कर रहा पेट्रोल पंप की जमीन
यह भी कहा कि 11 लाख 23 हजार 247 रुपए जमा कर दिए गये हैं। बैंक अभी भी 17 लाख 54 हजार 588 रुपए बाकी बता रहा है। साथ ही वह पेट्रोल पंप की जमीन को नीलाम करने की बात भी कह रहा है। भारतीय स्टेट बैंक की बोड़खी शाखा ने नौ दिसम्बर को पेट्रोल पंप की जमीन की नीलामी की घोषणा कर रखी है। 

बेहद परेशान होकर उन्होंने कलेक्टर शशांक मिश्र को ज्ञापन सौंपा है और पेंशन शीघ्र शुरू कराने की मांग की है। साथ ही नीलामी प्रकिया रुकवाने की मांग की है। दूसरी ओर बैंक से भी हालात पर ध्यान देते हुए कुछ समय मांगने की अर्जी दी है। 

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