संविदा कर्मचारियों को समान काम समान वेतन के लिए वित्तमंत्री को ज्ञापन

भोपाल। मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने प्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्यरत समस्त ढाई लाख संविदा कर्मचारियों को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार समान कार्य समान वेतन देने, प्रदेश के समस्त विभागों में रिक्त पड़े तीन लाख पदों पर ढाई लाख संविदा कर्मचारियों का संविलयन किये जाने, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए समान स्थाई सेवा नियम बनाये जाने, प्रदेश के अनेक विभागों जैसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, योजना आर्थिक सांख्यिकी विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग में कौशल विकास केन्द्र, आईटीआई, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से बीआरजीएफ योजना में जिन संविदा कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं उनकी सेवा बहाल किये जाने के लिए म.प्र. सरकार के वित्त मंत्री जयंत मलैया को ज्ञापन सौंपा। 

ज्ञापन सौंपकर म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने अवगत कराया कि म.प्र. के विभिन्न विभागों में अनेक वर्षो से संविदा कर्मचारी अधिकारी निष्ठा एवं ईमानदारी से शासकीय कार्यो का निर्वाहन कर रहे हैं लेकिन जब वेतन और भत्ते देने की बात आती है तो वेतन नियमित कर्मचारियों से कम दिया जाता है। लाखों कर्मचारी ओवरएज हो गये हैं उनका भविष्य अनश्चित है । किसी प्रकार की कोई सामाजिक सुरक्षा की ग्यांरटी नहीं है। 

संविदा कर्मचारियों का आर्थिक, मानसिक, शरीरिक शोषण किया जाता है। व्यापम द्वारा हजारों नियमित पदों की भर्ती की जा रही है उसको बंद कर पूर्व से संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों का संवलियन उन पदों पर किया जाए। म.प्र. सरकार के वित्त मंत्री जयंत मलैया ने मांगों पर कार्यवाही किये जाने का आश्वासन दिया। इस अवसर वीरेन्द्र खोंगल, जीतेन्द्र सिंह, भूवनेश पटेल, अजय श्रीवास्तव नीलू, अनिल वाजपेयी आदि भी उपस्थित थे। 

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