
शनिवार को जयवर्धन सिंह ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि उनके (दिग्विजय) द्वारा दिए गए बयान से मैं कतई सहमत नहीं हूं क्योंकि आंतकी तो आंतकी ही होता है। उसे किसी भी मजहब से नहीं जोड़ना चाहिए।
बता दें कि सेंट्रल जेल से कैदियों के फरार होने के साथ ही दिग्विजय सिंह ने सरकार पर हमले शुरू कर दिए थे। इस मामले में उन्होंने करीब एक दर्जन सवाल दागे हैं। सोशल मीडिया का एक बड़ा वर्ग हमेशा की तरह उनका विरोध करता रहा परंतु ऐसा विरोध अब नजरअंदाज कर दिया जाता है परंतु जयवर्धन का बयान दिग्विजय सिंह के संदर्भ में मायने रखता है।