
न्यायमूर्ति वंदना कासरेकर की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता पवई निवासी अवधप्रकाश की ओर से अधिवक्ता श्रीमती सुधा गौतम ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि निर्धारित नियम के मुताबिक किसी भी अतिशेष को बिना काउंसिलिंग के युक्तियुक्तकरण के तहत प्रभावित नहीं किया जा सकता।
इसके बावजूद याचिकाकर्ता के साथ ऐसा किया गया। यहां तक कि कलेक्टर ने प्रभारीमंत्री के अनुमोदन से अपील के निराकरण की दिशा में भी ध्यान नहीं दिया। इसी वजह से हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी।