
परिषद की बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को संवाददाताओं को बताया कि देश में जीएसटी लागू करने की तैयारी पूर्व निर्धारत कार्यक्रम के अनुसार चल रही है। जेटली ने कहा, जीएसटी के तहत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में शामिल खाद्यान्न सहित आम आदमी के इस्तेमाल की वस्तुओं पर 50 प्रतिशत शून्य कर लगेगा।
उन्होंने कहा कि आम लोगों की सामान्य उपभोग की वस्तुओं पर जीएसटी की दर 5 प्रतिशत होगी। जीएसटी में 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो मानक दरें होंगी। वहीं जिन वस्तुओं पर इस समय उत्पाद शुल्क और वैट सहित कुल 30-31 प्रतिशत कर लगता है उन पर जीएसटी दर 28 प्रतिशत होगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि उच्चतम दर के प्राप्त होने वाले कर से होने अतिरिक्त राजस्व आय का इस्तेमाल आवश्यक उपभोग की वस्तुओं पर कर की दर पांच प्रतिशत रखने में किया जाएगा और आम उपभोग की कुछ वस्तुओं को 18 प्रतिशत के दायरे में हस्तांतरित किया जाएगा।
लक्जरी कारों, तंबाकू, काबरेरेटेड पेय पदार्थों पर उपकर लगाया जाएगा, और इसके साथ इन पर स्वच्छ ऊर्जा उपकर के अलावा एक और उपकर लगाया जाएगा, जिससे मिलने वाली राशि का इस्तेमाल राज्यों को राजस्व में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए किया जाएगा। जेटली ने कहा कि उपकर के जरिये बनने वाला ‘मुआवजा कोष’ पांच साल के लिए रहेगा। जीएसटी लागू होने के पहले साल में राज्यों को उनके राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए 50,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी।