नोटबंदी: जनधन खातों से निकासी की सीमा तय

नोटबंदी के बाद जन धन खातों में बड़े पैमाने पर जमा हो रही धनराशि से चिंतित केंद्र सरकार ने उन खातों से धन निकासी की सीमा 10 हजार रुपये तय कर दी है. बताया जा रहा है कि निकासी की यह सीमा उन खातों पर लागू होगी, जिनमें 8 नवंबर के बाद 50 हजार रुपये से ज्यादा की राशि जमा की गई है.

इस मामले में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि इस तरह के सभी खातों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. यूपी में ही जनधन खातों में नोटबंदी के फैसले के बाद से अब तक 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा राशि जमा हो चुकी है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आम आदमी नोटबंदी के फैसले के पक्ष में हैं. हम पेपरलेस इकोनॉमी की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. जल्दी ही कालेधन के खिलाफ कुछ और कठोर कदम उठाए जाएंगे.

उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार आने के फौरन बाद सबसे पहला काम कालेधन के खिलाफ एसआईटी के गठन का हुआ. सरकार ने कालेधन को सफेद बनाने के लिए स्वेच्छा से खुलासा करने का मौका भी दिया. उसके बाद नोटबंदी का फैसला किया. आम जनता इस फैसले के पक्ष में है.

वहीं इसके साथ उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि इस फैसले से शादी वगैरह में लोगों को कुछ दिक्कतें हो रही हैं, लेकिन बैंकों और एटीएम के बाहर लाइनें लगातार छोटी हो रही हैं. 50 दिन के भीतर सब कुछ सामान्य हो जाएगा.

केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि नोटबंदी के बाद जनधन खातों में देश में सबसे ज्यादा राशि पश्चिम बंगाल में जमा हुई है. पूरे देश में इस तरह के खातों की जांच कराने का फैसला किया गया है. कालेधन का लोग जहां-जहां निवेश कर रहे हैं, उस पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है.

नोट छापने में नौ महीने का समय लगने संबंधी कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के बयान पर मंत्री गंगवार ने कहा कि नोटों की कहीं कोई कमी नहीं है.

रिजर्व बैंक में लगातार नोट छापे जा रहे हैं. बेहतर रहता पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी संसद में नोटबंदी के बजाय अपने कार्यकाल में हुए बड़े-बड़े घपलों पर बोलते.

उन्होंने सपा सुप्रीम मुलायम सिंह यादव की नोटबंदी के लिए सप्ताह भर का समय दिए जाने से सुझाव को भी अनुचित बताया.
Tags

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !