
राज्य मंत्री श्री सारंग ने कहा कि अपनी जीवनभर की पूँजी जोड़कर व्यक्ति सहकारी गृह निर्माण समिति में प्लाट खरीदता है। चूँकि सहकारिता विभाग इससे जुड़ा है, इसलिये हमारी यह जवाबदारी है कि किसी भी समिति की गड़बड़ियों के कारण विभाग की छवि खराब न हो। श्री सारंग ने कहा कि इसके लिये यह जरूरी है कि समितियों के सदस्यों को, जो पात्रता रखते हैं, उन्हें समय पर प्लाट मिलें और उनके साथ कोई धोखाधड़ी न हो। उन्होंने विभाग के इस मामले में अब तक अपनायी गयी प्रक्रिया पर असंतोष व्यक्त किया।
सहकारिता राज्य मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम में गड़बड़ी करने वाली सोसायटियों के खिलाफ कार्यवाही करने के पर्याप्त प्रावधान हैं। इसमें 3 साल की सजा से लेकर 5 लाख रुपये तक के जुर्माने की व्यवस्था है। श्री सारंग ने कहा कि इन नियमों के पालन में किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि दो दिसम्बर को वे इस संबंध में फिर से बैठक लेंगे, जिसमें सभी गृह निर्माण समितियों की शिकायतों की जानकारी के साथ अधिकारी आयें। साथ ही यह भी बतायें कि किन नियमों के अंतर्गत उनके खिलाफ कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा कि वे अब किसी भी समिति के पात्र सदस्य को प्लाटविहीन नहीं रहने देंगे।
बैठक में प्रमुख सचिव सहकारिता श्री अजीत केसरी और भोपाल, जबलपुर, इंदौर के सहकारिता विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।