
कांग्रेस के मासलीडर पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। सात और आठ नवंबर को सिंधिया आधा दर्जन से ज्यादा सभा और कार्यकर्ता सम्मेलनारें में हिस्सा लेंगे।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सभी विधायकों को शहडोल बुलाया है लेकिन उंगलियों पर गिनने लायक विधायक ही वहां पहुंचे हैं। जबकि भाजपा ने छह-सात मंत्रियों के साथ कई विधायक और सांसद डेरा डाल चुके हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भी पांच-छह सभाएं होने वाली हैं। मंच पर कमलनाथ उनसे मुकाबला नहीं कर पाएंगे इसलिए सिंधिया को बुलवा लिया है।
आरएसएस के कई प्रचारक एवं भाजपा के संगठनमंत्री लगातार वहां डटे हुए हैं परंतु प्रदेश कांग्रेस प्रभारी मोहनप्रकाश एक दौरा करके लौट आए हैं। अब अगले सप्ताह जाएंगे। अरुण यादव की सभाएं भी नंदकुमार सिंह चौहान की तुलना में काफी कम हैं। कुल मिलाकर पर्चा दाखिले के समय कैमरों के सामने चैहरा चमका रहे कांग्रेसी दिग्गजों के हाथ से रेत फिसल रही है। बहानों की तलाश शुरू हो गई है, जिम्मेदारियां बांटी जा रहीं हैं।