कालाधन: भिखारियों की मदद से बदलवा लिए करोड़ों के नोट

भोपाल। सरकार डालडाल तो काले कारोबारी पात पात वाली खबर आ रही है। मोदी ने कालाधन ब्लॉक करने के लिए सारे देश को परेशान करने वाली नोटबंदी की, इधर काले कारोबारियों ने घरों में दबी रखे बड़े नोटों को बदलने का नया तरीका खोज निकाला। तरीका भी भाजपा से जुड़े एक काले कारोबारी ने निकाला है। 

खबर आ रही है कि ग्वालियर संभाग में भाजपा से जुड़े एक काले कारोबारी ने शहर के उन सभी भिखारियों को चाय नाश्ते पर बुलाया जिनके पास आधारकार्ड हैं। सभी भिखारियों ने एक एक करके बातचीत की और उन्हें नौकरी पर लगा दिया। वो प्रतिदिन 4000 रुपए के बड़े नोट लेकर जाएंगे और बैंक की लाइन में लगकर नोट बदलवाएंगे। बदले में उन्हें 300 रुपए मेहनताना मिलेगा। पहला दिन सफल भी रहा। करीब 80 भिखारियों ने सेठजी के लिए नोट बदलवाए। शहर के लगभग हर बैंक की लाइन में 5 से 7 भिखारी नोट लिए खड़े थे। 

बस फिर क्या था आइडिया क्लिक कर गया। सत्ता से जुड़कर मोटी कमाई करने वाले एक अन्य काले कारोबारी ने इससे एक कदम आगे बढ़कर काम किया। कुछ निर्धन स्टूडेंट्स को हायर किया गया है। स्टूडेंट्स बैंकों की लाइन में लगेंगे और नोट बदलवाकर लाएंगे। बदले में उन्हे 300 रुपए प्रतिदिन नगद दिया जाएगा। जेबखर्च के लालच में दर्जनों स्टूडेंट्स सेठजी के दरवाजे पर जमा हो चुके थे। 

याद दिला दें कि इससे पहले रेलवे में लाखों रुपए के टिकट बुक कराकर पुराने नोट खपाने का आइडिया भी ग्वालियर संभाग से ही आया था जो पलक झपकते ही देश के कई शहरों में वायरल हुआ और कुछ ही घंटों में रेलवे के पास करोड़ों रुपए की वेटिंग वाली टिकट बुक हुईं। इनमें से ज्यादातर एसी फर्स्ट क्लास की थीं। रेलवे ने इसका तोड़ निकालते हुए नगद रिफंड पर पाबंदी लगा दी। अब देखना यह है कि भिखारी और स्टूडेंट्स वाले मामले में सरकार क्या कदम उठाती है।

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