नोट की चोट: जंजीरों से बांधकर फौजी को पीटा

नईदिल्ली। नोटबंदी के कारण संकट में आई नौकरी और नौकरी बचाने के लिए की गई जल्दबाजी का नतीजा इतना खौफनाक होगा, फौजी महेश कुमार ने सोचा भी नहीं था। पुलिस ने उसे थाने में जंजीरों से बांधकर पीटा। परिवार वाले पहुंचे तो उन्हें भी पीटा। उसकी गलती मात्र इतनी थी कि उसने बैंक में लगी लंबी लाइन ब्रेक करने की कोशिश की थी क्योंकि उसे जम्मू कश्मीर पहुंचकर चार्ज लेना था, वो लेट हो रहा था और उसके पास पैसे नहीं थे। 

फौजी महेश कुमार लखनऊ में तैनात था, अब उसे जम्मू कश्मीर पहुंचकर चार्ज लेना था। इसी कारण वो हरदुआगंज स्थित स्टेट बैंक में नोट बदलने आया था। सुबह से ही लंबी लाइन थी। समय बीत रहा था, ट्रेन छूटने का डर सता रहा था। इसी जल्दबाजी में फौजी ने लाइन ब्रेक कर दी। वो चाहता था कि उसे अतिरिक्त मदद मिल जाए लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया। थाने ले गई और हथकडी़ लगाकर यहां भी जमकर पिटाई की। महेश कुमार को पकड़ने की खबर पाकर परिजन पहुंचे, तो उनकी भी थाने में पिटाई की गई। साथ ही परिजनों को फौजी से नहीं मिलने दिया गया। उसके चेहरा, आंख बुरी तरह सूजे हुए हैं। 

फौजी हरदुआगंज थाना क्षेत्र के गांव नगला गिरधारी का रहने वाला है। बैंक के गार्ड ने उसे बिना लाइन के पैसा बदलवाने का भरोसा दिया था। इसी भरोसे में वह 36 हजार रुपए लेकर पहुंचा था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक फौजी बैंक गेट के अंदर जाने को ही हुआ था कि एक सिपाही ने थप्पड़ जड़ दिया। सामाजिक संगठन स्मार्ट विलेज फाउंडेशन अध्यक्ष विपिन चौधरी ने घटना की सूचना एसएसपी को फोन पर दी। उधर, घटना से हैरान पूर्व फौजी जब थाने पहुंचे, तो उनसे भी मारपीट की गई। थाने से खदेड़ दिया गया। इससे फौजी समर्थकों में आक्रोश है।
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