वरिष्ठ पत्रकार अक्षय मुकुल ने मोदी के हाथ से अवार्ड अस्वीकार किया

नईदिल्ली। राजधानी दिल्ली में बुधवार को इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप की ओर से रामनाथ गोयनका पुरस्कार प्रधानमंत्री का वितरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों हुआ। टाइम्स ऑफ इंडिया के वरिष्ठ पत्रकार अक्षय मुकुल ने प्रधानमंत्री के हाथों से रामनाथ गोयनका पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि मैं मोदी और अपनी विचारधारा को एक फ्रेम में नहीं रख सकता।

अक्षय मुकुल की जगह हार्पर कॉलिंस के चीफ एडिटर और पब्लिशर कृशन चोपड़ा ने अवॉर्ड लिया। आपको बता दे, उन्हें यह अवॉर्ड उनकी किताब गीता प्रेस एंड मेकिंग ऑफ हिंदू इंडिया के लिए दिया गया। इस से पहले भी उनकी इस किताब को कई पुरस्कार मिल चुके हैं।

मुकुल ने पुरस्कार ना लेने पर कहा, ‘मैं यह सम्मान पाकर बेहद सम्मानजनक महसूस कर रहा हूं। मुझे इसकी बेहद खुशी है, लेकिन यह पुरस्कार मैं नरेंद्र मोदी के हाथों नहीं ले सकता। इसलिए मैंने किसी अन्य को इसे ग्रहण करने के लिए भेजा है।’

समाचार पत्रिका कारवां से बातचीत में मुकुल ने बताया, ‘मोदी और मैं एक साथ एक फ्रेम में मौजूद होने के विचार के साथ मैं जीवन नहीं बिता सकता। रामनाथ गोयनका पुरस्कार पत्रकारिता के क्षेत्र में दिया जाने वाला देश का बेहद प्रतिष्ठित पुरस्कार है। अक्सर इस पुरस्कार समारोह की अध्यक्षता प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति या देश के मुख्य न्यायाधीश करते हैं। यह पुरस्कार इंडियन एक्सप्रेस समूह द्वारा इसके संस्थापक रामनाथ गोयनका की स्मृति में दिया जाता है।
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