
स्कूल शिक्षा विभाग इसे जल्द ही कैबिनेट में लाने वाला है। ऐसा इसलिए क्योंकि नए सत्र के लिए किताबों की छपाई का काम होना है। प्रदेश में स्कूली बच्चों को मुफ्त में किताबें दी जाती हैं। लिहाजा एनसीईआरटी से सिलेबस लेने के बाद उसकी छपाई का काम पाठ्यपुस्तक निगम से कराया जाएगा। अभी निजी स्कूल सीबीएसई के तहत एनसीईआरटी से ही मान्य किताबें इस्तेमाल करते हैं। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या करीब 1.30 करोड़ है। इसमें से 50 लाख के करीब विद्यार्थियों को राज्य सरकार मुफ्त किताबें उपलब्ध कराती है।
शिक्षा की गुणवत्ता का स्तर सुधरेगा
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद ही यह निर्णय लिया गया है। इससे शिक्षा की गुणवत्ता का स्तर सुधरेगा। साथ ही मप्र के बच्चों का राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में सफलता का प्रतिशत बढ़ेगा। अगले सत्र से एनसीईआरटी की किताबें लागू हो जाएंगी।
दीपक जोशी, राज्यमंत्री, स्कूल शिक्षा