मलाई वाली कुर्सी पर रिटायरमेंट के बाद भी काम कर रहे हैं कर्मचारी

भोपाल। क्या कोई कर्मचारी रिटायर होने के बाद भी आॅफिस में काम करेगा। मलाई वाली कुर्सी हो तो जरूर करेगा। भोपाल नगरनिगम में तो कुछ ऐसा ही हो रहा है। यहां रिटायर हो चुके 3 कर्मचारी आज भी नियमित रूप से काम कर रहे हैं। मामला बिल्डिंग परमिशन शाखा का है। सबकुछ आॅनलाइन होने के बावजूद फाइलों को अटकाने में तीनों माहिर हैं। मौजूद अधिकारी/कर्मचारी इन तीनों के अनुभवों का फायदा उठा रहे हैं। 

एक रिटायर कर्मचारी पकड़ा गया
शनिवार को अपर आयुक्त बीबी चतुर्वेदी ने इस शाखा में अवैध रूप से फाइलों पर काम करते एक रिटायर्ड बाबू को पकड़ा है। यह बाबू दो महीने पहले ही रिटायर हो गए हैं । फिर भी उनके पास बिल्डिंग परमिशन संबंधी फाइलें मिली हैं। निरीक्षण के दौरान जब चतुर्वेदी ने एक टेबल पर किसी व्यक्ति को परमिशन संबंधी फाइलों के साथ देखा। पूछताछ करने पर पता चला कि वह व्यक्ति निगम का रिटायर्ड बाबू हरवंश तिवारी है।

सस्पेंड कर नहीं सकते थे, चेतावनी देकर छोड़ दिया
इसके बाद उनसे फाइलों के साथ दफ्तर में बैठने का कारण पूछा गया तो वे जवाब नहीं दे पाए। इस पर अपर आयुक्त ने चेतावनी देकर उसे छोड़ दिया और फाइलें अपने पास रख लीं। इस दौरान यह बात भी सामने आई कि शाखा में एक सुपरवाइजर और दो अन्य रिटायर्ड कर्मचारी फाइलों को लेकर हस्तक्षेप करते हैं। हालांकि मौके पर यह लोग नहीं मिले। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह भी बाबुओं की लापरवाही के कारण कर्मकार मंडल में जमा होने वाले 25 लाख के 85 डिमांड ड्राफ्ट एक्सपायर हो गए थे।

रिटायरमेंट के बाद क्यों काम कर रहे हैं 
बताया जाता है कि यह सभी कर्मचारी और अधिकारी शाखा में लंबी सेवा देने के बाद रिटायर हुए हैं। इसके कारण परमिशन के आवेदनों को कैसे अटकाया जाए और अधूरे आवेदनों को कैसे पास किया जाए। इनकी बारिकियों का अनुभव इनके पास है। शाखा में मौजूद कर्मचारी भी इसका फायदा उठाते हैं। इसके चलते आवेदन लंबे समय तक शाखा में अटके रहते हैं। ऑनलाइन व्यवस्था होने के बावजूद भी करीब 125 आवेदन पेंडिंग हैं।

फाइलों को बेवजह अटकाने वाला ड्राफ्टमैन सस्पेंड 
इसके बाद अपर आयुक्त ड्राफ्ट्समैन के कमरे में पहुंचे। यहां ड्राफ्टमैन कमालुद्दीन के पास कुछ फाइलें मिली। यह आवेदन ऑनलाइन किए गए थे। फाइलें क्लियर थीं इसके बाद भी कमाल ने फाइलों पर आपत्ति की टीप लगाकर इसे इन्हें रोक रखा था। यह फाइलें एक महीने से ज्यादा पुरानी थी। जबकि नियमों के तहत फाइलों को 30 दिन में परमिशन मिल जाना थी। फाइलें रोकने और जबरन टीप लगाने का कारण पूछने पर ड्राफ्टमैन जवाब नहीं दे पाया। कार्य में लापरवाही और अनियमितताओं पर उसे सस्पेंड कर दिया गया है। ( पढ़ते रहिए bhopal samachar हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !