बच्चों ने मध्याह्न भोजन से किया इंकार, क्योंकि दलित महिला पकाती है

नरसिंहपुर। जनपद गोटेगांव के चंदलौन गांव में प्राइमरी, मिडिल और आंगनबाड़ी केंद्र में दर्ज करीब 155 बच्चों में से अधिकांश बच्चे मध्यान्ह भोजन का भोजन इसलिए नहीं करते क्योंकि भोजन समूह की दलित महिलाएं बनातीं हैं। बुर्जुगों की डांट-फटकार और नसीहत बच्चों में कुछ इस तरह प्रभावी है कि जब मध्यान्ह भोजन बंटना शुरू होता है तो परहेज करने वाले ठाकुर, पटैल, कोटवार समाज के बच्चे स्कूल-आंगनबाड़ी केंद्र से बाहर चले जाते हैं। 

गांव में छुआछूत की यह शिकायत विधायक-शिक्षा विभाग और उच्चाधिकारियों तक पहुंच चुकी है। लेकिन समस्या का समाधान नहीं निकल सका है। जिससे स्कूल और आंगनबाड़ी में रोजाना छुआछूत का एक नया अध्याय सामने आ रहा है।

चंदलौन के मिडिल स्कूल में 45, प्राइमरी में 80 और आंगनबाड़ी में करीब 30 बच्चों के नाम दर्ज हैं। तीनों स्थानों के बच्चों को लक्ष्मी स्वसहायता समूह द्वारा मध्यान्ह भोजन बनाया जाता है। समूह की अध्यक्ष जीजीबाई रजक हैं, पहले समूह गांव की एक अन्य सामान्य वर्ग की महिला से भोजन बनवाकर वितरण कराता था। जिसमें कई बार भोजन खराब बंटने, कीड़े निकलने की शिकायतें सामने आईं तो भोजन बनाने वाली महिला को हटा दिया गया। 

आंगनबाड़ी में कार्यकर्ता भग्गोबाई ठाकुर बच्चों को आहार वितरण करातीं हैं। पंचायत सचिव नारायण चौधरी कहते हैं कि पिछले तीन-चार माह से गांव में यह समस्या बनी है। विधायकजी तक बात पहुंच चुकीं हैं जिसमें उन्होंने भी गांव के लोगों को बैठकर समस्या का हल निकालने की बात कही थी लेकिन कोई कुछ समझने तैयार नहीं हैं तो स्थिति जस की तस है। ग्रामीण कहते हैं कि शिक्षा विभाग के अधिकारी भी समस्या का समाधान नहीं करा पाएं हैं, कलेक्टर को भी पहले शिकायत की जा चुकी है। स्कूल, आंगनबाड़ी में ठाकुर, पटैल, कोटवार समाज के जो बच्चे हैं वह कहते हैं कि उन्हें मध्यान्ह भोजन नहीं करना।

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