इंदौर का 'हिंगोट युद्ध': इस बार 75 से ज्यादा घायल, 2 गंभीर

गौतमपुरा/इंदौर। दीपावली के दूसरे दिन यहां होने वाला परंपरागत हिंगोट युद्ध मंगलवार को भगवान देवनारायण मंदिर के सामने मैदान पर हुआ। इसमें गौतमपुरा के 'तुर्रा' रुणजी के 'कलंगी' दल के जांबाज हिंगोट खत्म होने के तक मैदान पर डटे रहे। करीब दो घंटे चले युद्ध में लक्ष्य से भटके हिंगोट के कारण 75 से अधिक लोग घायल हो गए। इनमें दो गंभीर हैं। उन्हें इंदौर के अस्पताल भेजा गया।

दोपहर 3 तीन बजे दोनों दल के योद्धा सिर पर साफा व हेलमेट, हाथों में ढाल, जलती लकड़ी एवं अपने दल का निशान लेकर मैदान की ओर निकले। इससे पहले नाचते-गाते देवनारायण मंदिर पहुंचकर दर्शन किए। शाम पांच बजे मैदान पर हजारों दर्शकों के साथ योद्धा भी दोनों छोर पर जाकर खड़े हो चुके थे। सबसे पहले हिंगोट ने तुर्रा दल को निशाना बनाया और एक योद्धा का झोला जलने लगा। इस पर वह झोला छोड़ भाग निकला। इस तरह कलंगी के दो और तुर्रा दल के तीन योद्धाओं के झोले जले। वहीं दो गंभीर घायलों में रुणजी के अक्कू दशोरिया की आंख में गंभीर चोट आई।

युद्ध के दौरान पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल, अश्विन जोशी, उज्जैन जिला कांगे्रस अध्यक्ष जयसिंह दरबार, शहर कांग्रेस अध्यक्ष अनंतनारायण मीणा, जिला किसान कांग्रेस अध्यक्ष मोतीसिंह पटेल, जिला पंचायत सदस्य कृपाराम सोलंकी, जनपद उपाध्यक्ष कल्याणसिंह पंवार, नगर कांग्रेस अध्यक्ष महेश पाटीदार, जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि मिश्रीलाल डाबी और नेता मौजूद थे। पास के मंच पर विधायक मनोज पटेल, दुग्ध सं अध्यक्ष उमरावसिंह मौर्य, नगर पंचायत अध्यक्ष चेतन भावसार, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष विशाल राठी, नगर पंचायत उपाध्यक्ष प्रतिनिधि विनोद गुर्जर, पार्षद अब्बु ठाकुर, भाजयुमो अध्यक्ष पवन चौधरी थे।

इस बार एडीशनल एसपी विवेक सिंह, एसडीओपी अनिल राठौड़ व थाना प्रभारी हितेंद्र राठौर के नेतृत्व में पुलिस बल मौजूद था। इनमें महिला पुलिसकर्मी भी थीं। मुख्य नगर पालिका अधिकारी मयूरी वर्मा ने युद्ध एवं मेला क्षेत्र में व्यवस्थाएं की थीं। नगर सुरक्षा समिति के अध्यक्ष कंवरलाल नामदेव व सदस्यों ने भी हिंगोट मैदान व मेला क्षेत्र की व्यवस्था संभाली।

झलकियां
इस बार दर्शकों की रिकॉर्ड उपस्थिति रही।
मैदान पर इस बार पुलिस प्रशासन ने अपना अलग मंच लगाया था। यहां न्यायाधीश पीके जायसवाल व जनपद पंचायत सीईओ मनीष भारद्वाज ने हिंगोट देखने के साथ इसे अपने कैमरे में कैद किया।
इस वर्ष भी तुर्रा दल ने अपने दायरे से बाहर आकर युद्ध किया।
मेला क्षेत्र से दो जेबकतरों को भी लोगों ने रंगे हाथ पकड़ा। दोनों को पुलिस के हवाले कर दिया गया।

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