2000 का नोट अवैध है ! कांग्रेस ने याचिका दाखिल की

नईदिल्ली। दो हजार रुपये के नोट जारी किए जाने के कदम को कांग्रेस ने अवैध बताया है। तो वहीं, दो हजार के नए नोट में देवनागरी लिपि के प्रयोग की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है। मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ में एक जनहित याचिका लगाई गई है, जिसमें दावा किया गया है कि यह लिपि अनुच्छेद 343 (1) के विपरीत है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने दावा किया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने देश को वित्तिय अराजकता की स्थिति में डाल दिया है। उन्होंने पीएम पर 2000 रुपये के नोट जारी करते समय कानून का पालन नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 2000 रुपए के नोटों को लाना एक अवैध कृत्य है क्योंकि नए नोट छापने के लिए आरबीआई अधिनियम के तहत जो अधिसूचना जारी करना आवश्यक होता है, वह जारी नहीं की गई और कानून के तहत अनिवार्य बात को नजरअंदाज किया गया। शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री और इस कदम को सही बताने एवं नके तर्कों का समर्थन कर रहे लोग संविधान और कानून के मामले में अनपढ़ हैं।

2000 के नोट में देवनागरी लिपि के विरोध में याचिका
वहीं सोमवार को मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ में केपीटी गणेशन ने याचिका दायर कर दो हजार के नए नोट में देवनागरी लिपि के प्रयोग की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है। याचिका में दावा किया गया है कि यह लिपि अनुच्छेद 343 (1) के विपरीत है। 

याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी की ये नोट भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी अंक 2,000 के देवनागरी रूप में है, जो की भारतीय संविधान के खिलाफ है। याचिका में कहा गया है कि अनुच्छेद 343 में प्रावधान है कि शासकीय भाषाओं की स्थिति में किसी प्रकार के बदलाव के लिए कानून की जरूरत है। राज भाषा कानून 1960 में अंकों के प्रयोग में किसी प्रकार के बदलाव की अनुमति नहीं है। इसलिए दो हजार के नए नोट को अमान्य घोषित किया जाए। याचिकाकर्ता के दलील सुनने के बाद कोर्ट ने केन्द्र सरकार के वकील से वित्त मंत्रालय से इस संबंध में जवाब मांगा है।
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