100 के नोट: नए आ नहीं रहे, पुराने खत्म हो गए, अब कबाड़ वाले नोट बांट रहे हैं बैंक

भोपाल। नोटबंदी के बाद इन दिनों बैंकों में 100 के नोटों की भारी कमी हो गई है। हालत यह है कि 20 हजार रुपए विड्राल करने पर 10-10 रुपए के नोट की गडि्डयां दी जा रही हैं। बैंक अधिकारियों का साफ कहना है कि नई करंसी आ ही नहीं रही। बैंकों को आरबीआई से नए नोट नहीं मिल पा रहे हैं। वे अपने करंसी चेस्ट में पड़े पुराने नोटों को चलन में ला रहे हैं। इनमें लाखों नोट 10-20 रुपए के हैं। शेष 100 के पुराने (रिजेक्ट) नोट हैं। ये नोट पिछले 4-5 सालों में भारतीय रिजर्व बैंक की क्लीन नोट पॉलिसी के तहत बाजार से हटाए गए थे। ऐसे में बैंकों की हर शाखा में आए दिन ग्राहक और कैशियर के बीच विवाद की स्थिति बन रही है। 

इसलिए आ रही दिक्कत 
500-1000 के नोट बंद होने के बाद 86 फीसदी मुद्रा चलन से बाहर हो गई है। इसकी तुलना में आरबीआई ने 20 दिन में केवल 25 फीसदी ही नोट छापे हैं। बैंकों में जो पैसा जमा है। वह चलन से बाहर है। बैंकों काे उनकी जरूरत का केवल 30 फीसदी कैश मिल पा रहा है। इसमें आधे नोट 2,000 के हैं। ग्राहक ये नहीं ले रहा। वह केवल 100-500 के नोट चाहता है जो मांग की तुलना में 15 फीसदी ही हैं। बैंक मजबूरन सालों से पास रखे 10-20 के नोट और पुराने 100 के नोट ग्राहकों को दे रहे हैं। 

कल से और बिगड़ सकते हैं हालात 
1 दिसंबर को वेतन मिलने के बाद जब लोग पैसा निकालने आएंगे तो हालात और खराब हो सकते हैं। इसकी वजह न तो बैंकों में पर्याप्त कैश है और न एटीएम में। इस दौरान जरूरत का सामान खरीदने के लिए लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। 

रिजेक्टेड नोट वापस बाजार में
क्लीन नोट पॉलिसी 2005 के तहत बैंकों ने 100 के खराब नोट जो एटीएम फिट नहीं थे, आरबीआई को भेजे थे। केंद्रीय बैंक ने ये सारे नोट बैंकों को वापस कर दिए। उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि वे ये नोट ग्राहकों को दें। एसबीआई ने अपनी 85 शाखाओं को तीन चेस्ट में रखे 45 हजार पैकेट 10 और 20 रूपए के नोट के बांट दिए हैं। 

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