SHAHDOL में हिमाद्री पर डोरे डाल रही है BJP, डर गए ज्ञानसिंह | BY ELECTION

भोपाल। शहडोल लोकसभा उपचुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई है। भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवारों के चयन को लेकर अंतिम दौर के मंथन में लग गए है। उम्मीदवारों के ऐलान से पहले भाजपा एक बार फिर कांग्रेस को जोर का झटका दे सकती है। कांग्रेस की ओर से लगभग तय हो चुकी उम्मीदवार को भाजपा में शामिल करवाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के एक मंत्री को जिम्मेदारी सौंपी है। दूसरी तरफ भाजपा ज्ञान सिंह पर दांव लगाना चाहती है पर मंत्री ज्ञान सिंह चुनाव लड़ने से हिचकिचा रहे हैं। उन्होंने अपनी जगह अपने जिला पंचायत सदस्य पुत्र शिवनारायण सिंह का नाम आगे किया है।

सूत्रों की मानी जाए तो कांग्रेस शहडोल उपचुनाव में दलपत सिंह और राजेश नंदनी सिंह की पुत्री हिमाद्री सिंह को उम्मीदवार बनाने की तैयारी में है। हिमाद्री ने भी अपनी सहमति दे दी है। उधर भाजपा एक बार हिमाद्री को अपनी पार्टी में लाने का प्रयास कर चुकी है, लेकिन वह उन्हें पार्टी में लाने में सफल नहीं हुई। इसके बाद भाजपा ने एक बार फिर हिमाद्री सिंह को पार्टी में लाने के प्रयास तेज कर दिए हैं। सूत्रों की माने तो यह जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ के कद्दावर मंत्री अमर अग्रवाल को सौंपी गई है। अमर अग्रवाल भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष लखीराम अग्रवाल के पुत्र है। बताया जाता है कि अमर अग्रवाल के स्टाफ में हिमाद्री सिंह के परिवार के एक करीबी कार्यरत है, उनके जरिए हिमाद्री को पार्टी में लाने की बातचीत चल रही है। 

भाजपा की नजर ज्ञान सिंह पर आकर ठहर गई है। हालांकि पार्टी नरेन्द्र मरावी, सुदामा सिंह और अमरपाल सिंह के नामों पर भी विचार कर रही है पर नेताओं का बड़ा वर्ग ज्ञान सिंह के पक्ष में राय दे रहा है। वे यहां से पूर्व में दो बार सांसद भी रह चुके हैं। दूसरी तरफ ज्ञान सिंह ने पर्दे के पीछे से अपने बेटे का नाम आगे बढ़ा रहे हैं पर स्थानीय नेताओं के विरोध के कारण पार्टी बेटे के बारे में फैसला नहीं ले पा रही है। इधर कांग्रेस को भी भाजपा की इस योजना की भनक लग गई है। हिमाद्री सिंह को चुनाव लड़ने के लिए तैयार करने के लिए उनकी रिश्तेदार और पूर्व राज्यपाल उर्मिला सिंह ने पार्टी की मदद की थी। पार्टी यहां उर्मिला सिंह को सक्रिय कर सकती है।

भिंड वाला एपिसोड दोहराना चाहती है भाजपा 
भाजपा इससे पहले कांग्रेस को भिंड लोकसभा चुनाव में जोर का झटका दे चुकी है। भिंड में कांग्रेस ने पूर्व आईएएस भागीरथ प्रसाद को चुनाव मैदान में उतारा था पर टिकट मिलने के अगले ही दिन उन्होंने भोपाल आकर भाजपा का दामन थाम लिया था। भाजपा ने उन्हें चुनाव लड़ाया था और अच्छे मतों से विजयी भी हुए थे। बीजेपी यही एपिसोड शहडोल में भी दोहराना चाहती है। 

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