
इसकी शिकायत किये जाने पर तत्कालीन एसडीएम श्री मेहताब सिंग ने गोदामों मे रखा चावल का मुआयना किया और उसकी सेम्पलिंग कराई। जिसकी परीक्षण रिपोर्ट मे उक्त चावल अमानक एवं गुणवत्ताविहिन पाया गया है। इस कार्यवाही के बाद ही एसडीएम मेहताब सिंग का तबादला हो जाने से मामला ठंडे बस्ते मे डाल दिया। जिसके चलते संबंधित मिलर्स एवं आपूर्ति निगम के अधिकारी कर्मचारियों के विरूध कोई कार्यवाही नही हुई।
जबकि नियामानुसार प्रदायकर्ता राईस मिलर्स को खरीदा गया चावल वापस कर निर्धारित गुणवत्ता का चावल लिया जाना था इन विसंगतियों के चलते निगम को करोडो रूपये की चपत लगने वाली है। आपूर्ति निगम के मुख्यालय मे अमानक चांवल के इस स्टाक को कैसे खपाया जाये इसकी कवायद चल रही है।
जिला प्रशासन गोदामो मे संग्रहित अमानक और गुणवत्ताहीन चांवल की जांच कर उसके स्टाक को सीज कर ले ताकि अधिकारियों की सांठगांठ के चलते खाने के अयोग्य चांवल सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से उपभोक्ताओं, मध्यान्ह भोजन योजना के माध्यम से उपभोक्ताओं मे वितरित ना किया जा सके।