
खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने सभी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को यह किट उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। अधिकारी जब भी दूध के सैंपल लेंगे, पहले वह इस किट से दूध की जांच करेंगे। अगर मिलावट मिलेगी तो दूध के लीगल नमूने लेकर खाद्य एवं औषधि प्रशासन की लैब में जांच कराई जाएगी। उस रिपोर्ट के आधार पर एडीएम कोर्ट में केस दर्ज कराया जाएगा।
यह हो सकेंगी जांचें
डीआरडीओ द्वारा बनाई गई किट को मिल्क टेस्टर नाम दिया गया है। इससे हर तरह के एडल्ट्रेंट का पता चल जाएगा। दूध की कुछ बूंदें किट में लगी स्ट्रिप पर डालने से हाईड्रोजन परआक्साइड, यूरिया, न्यूट्रीलाइजर, स्टार्च की मौजूदगी का पता चल जाएगा।
साथ ही माइक्रोबायोलॉजीकल टेस्ट भी इससे हो जाएंगे। दूध में बैक्टीरिया होने की जानकारी भी मिल जाएगी। केमिकल टेस्टिंग में सिर्फ 5 मिनट लगेंगे, जबकि माइक्रोबायोलॉजीकल टेस्ट के लिए 30 मिनट इंतजार करना होगा। किट के रंग बदलने से केमिकल और बायोलॉजीकल मिलावट का पता चलेगा।
ऑनलाइन मौजूद
मिल्क टेस्टर किट की बिक्री अभी ऑनलाइन की जा रही है। कई ऑनलाइन शापिंग साइट यह किट बेच रही हैं। इसकी कीमत करीब 2 हजार रुपए है। किट में स्ट्रिप बदलकर जितनी बार चाहें जांच कर सकते हैं। दूध में बढ़ती मिलावट और उससे होने वाली बीमारियों को देखते हुए इस किट को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अभी तक लेक्टोमीटर की सहायता से दूध में सिर्फ पानी की मिलावट का ही पता चल पाता था। केमिकल की जांच सिर्फ लैब में ही हो पाती थी।
बिक रहा डिटर्जेंट से बना दूध
शहर में डिटर्जेंट से बना दूध भी बिक रहा है, जो सेहत के लिए घातक है। इसका खुलासा सोमवार को मुरैना में पकड़ी गई फैक्ट्री से हुआ है। वहां कई केमिकल और डिटर्जेंट बरामद हुआ था। मिलावटखोरों से पता चला है कि वह दूध बनाकर दिल्ली, आगरा और भोपाल भी भेजते थे।
डीआरडीओ ने दूध की जांच के लिए किट तैयार की है। हमने इसका उपयोग शुरू कर दिया है। इसकी सहायता से दूध की मिलावट पकड़ी जाएगी।
प्रमोद शुक्ला, संयुक्त नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन