
7वां वेतनमान लागू होने के बाद बाजार नए सिरे से तैयार हुआ है। कर्मचारी ज्यादा से ज्यादा पैसा बाजार में खर्च करें, इसकी तैयारी की जा रही हे। बैंक कर्ज की दरें घटाकर कर्मचारियों को ललचाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में फिक्स डिपॉजिट पर ब्याज घटना स्वभाविक हो गया है।
मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले ही भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और पंजाब नेशनल बैंक (PNB) जमा दर में कटौती कर चुके हैं। बैंकों में FD करने का यह सुनहरा अवसर हाथ से न जाने दें।
रेपो रेट में कटौती से कम होगी EMI
बैंक अब मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) पर कर्ज देते हैं।
बेस रेट का निर्धारण भी अब MCLR के आधार पर किया जाता है।
रेपो रेट और अन्य उधारी दरों के आधार पर बैंक MCLR की मासिक समीक्षा करते हैं।
SBI की पूर्व चीफ इकोनॉमिस्ट वृंदा जागीरदार के अनुसार, रेपो रेट में चौथाई फीसदी की कटौती के बाद फ्लोटिंग रेट पर लोन लेने वालों लोगों की EMI घटेगी।
EMI घटने से कितनी होगी बचत
FD में निवेश करना है तो तत्काल करें
रेपो रेट कटौती के बाद अब कुछ ही दिनों में बैंक जमा दरों में कटौती शुरू करेंगे। इस नजरिए से देखें तो जब तक बैंकों की मौजूदा ब्याज दरें बरकरार हैं तभी तक आपके पास अपने FD पर ज्यादा ब्याज पाने का अवसर है। आइए जानते हैं कि अभी कौन-कौन से बैंक दो से तीन साल तक के FD पर सबसे अधिक ब्याज दे रहे हैं।
FD पर सबसे अधिक ब्याज देने वाले बैंक
डेवलपमेंट क्रेडिट बैंक 7.90%
यस बैंक 7.75%
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 7.55%
स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद 7.50%
केनरा बैंक 7.50%
आईडीबीआई बैंक 7.50%