नहीं चली कैलाश विजयवर्गीय की दादागिरी, एएसआई आॅन ड्यूटी

इंदौर। बालाघाट मामले के बाद शायद मप्र पुलिस का रुख भी बदल रहा है। इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय के दवाब में आकर प्रदर्शन के समय एएसआई बाबूलाल पवार को संस्पेंड करने की मौखिक घोषणा तो कर दी गई थी लेकिन उसके आदेश आज तक जारी नहीं किए गए। वरिष्ठ पुलिस अफसर इस मामले में अपने अधिकारी का साथ निभा रहे हैं। इधर कैलाश विजयवर्गीय और उनके समर्थक अब शांत हो गए हैं। 

पोलोग्राउंड चेकिंग पॉइंट पर सोमवार रात कैलाश विजयवर्गीय के पीए रवि विजयवर्गीय की हूटर लगी बिना नंबर की गाड़ी रोकने वाले एएसआई बाबूलाल पवार को न तो सस्पेंड किया गया और न ही लाइन अटैच किया। एएसआई अभी भी थाने में कार्य कर रहे हैं। वो आॅन ड्यूटी हैं। पूरे मामले की जांच सीएसपी वंदना चौहान कर रही हैं। 

एएसपी रूपेश द्विवेदी ने तत्समय दवाब में आकर अपने एएसआई को सस्पेंड करने का ऐलान कर दिया था लेकिन जब सवाल उठे और एएसआई के समर्थन में मीडिया भी उतर आई तो वो भी साथ हो लिए। उनका कहना है जांच-पड़ताल जारी है और एएसआई की कोई गलती नहीं हुई तो उनका नुकसान भी नहीं होने दिया जाएगा। 

पुलिस का मैदानी अमला इस मामले में खासा नाराज है। पुलिसकर्मियों का कहना है कि यदि ऐसा ही चला तो हम चैकिंग नहीं कर पाएंगे। पुलिसकर्मियों की यह भी मांग है कि यदि एएसआई के खिलाफ कार्रवाई की जाती है तो कैलाश विजयवर्गीय के पीए का चालान बनाया जाना चाहिए और उनके खिलाफ वर्दीधारी पुलिस से अभद्रता और शासकीय कार्य में बाधा का मुकदमा भी दर्ज होना चाहिए। 

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