
कुलपति कुमार ने कहा, "हम कल (बुधवार) दोपहर 2.30 बजे से बंधक थे। हम फर्श पर सोने को मजबूर हुए और हमारे पास खाने के लिए भोजन नहीं था। जेएनयू में विवाद की शुरुआत छात्र नजीब अहमद के लापता होने के बाद हुई। वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के सदस्यों के साथ हुए कथित झगड़े के बाद 14 अक्टूबर की रात से लापता है।
कुमार ने नजीब की जल्द वापसी की उम्मीद जताते हुए कहा, "छात्र अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। उन्हें लगता है कि हम (विश्वविद्यालय अधिकारियों) अहमद को खोजने के अपना सर्वोच्च योगदान नहीं दे रहे हैं।"
वहीं, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के सदस्य रामा नागा ने अधिकारियों के घेराव के आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि 'छात्र प्रशासनिक ब्लॉक के बाहर इकट्ठे हुए हैं, ताकि वे हमसे बात कर सकें।' रामा नागा ने कहा, "हमने किसी को भी कार्यालय के अंदर रहने के लिए मजबूर नहीं किया। हम चाहते हैं कि वे नजीब के लापता होने पर हमारे सवालों के जवाब दें।