बालाघाट और पेटलावद के बाद सीएम ने दी पुलिस को आजादी

भोपाल। बालाघाट और पेटलावद मामलों के बाद सहमी हुई पुलिस को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बिना दवाब के आजादी के साथ काम करने की छूट दी है। हालांकि गृहमंत्री ने नकेल कसने की भी कोशिश की है। सीएम ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए कलेक्टर-एसपी सख्त निर्णय लें। चाहे वो अधिकारी हो या नेता, कड़ी कार्रवाई करें और स्थिति को नियंत्रित रखें। गृहमंत्री का कहना है कि पुलिस को जनता के साथ विनम्र व्यवहार करना ही होगा। वो हर किसी पर डंडा नहीं बजा सकती। 

राजधानी के नर्मदा भवन में चल रही दो दिवसीय कलेक्टर-एसपी कांफ्रेंस के दूसरे दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हर हाल में कानून व्यवस्था बनाए रखना कलेक्टर-एसपी की जिम्मेदारी है। तीन व छह माह बाद फिर समीक्षा करूंगा। बैठक में सभी रेंज के आईजी, सभी मंत्री और मुख्यसचिव व अपर मुख्य सचिव भी मौजूद रहे। 

शिवराज सिंह ने कहा आईएएस-आईपीएस अफसर मिलकर कानून व्यवस्था बेहतर बना सकते हैं। गुंडों के लिए आप लोगों को सख्त होना पड़ेगा। उन्हें किसी प्रकार का संरक्षण न दें, चाहे वह कर्मचारी स्तर पर हो अधिकारी स्तर पर अथवा राजनीतिक स्तर पर हो। बेहतर तालमेल रखेंगे तो लॉ एंड आर्डर में अच्छा परिणाम आएगा। थाना और जिला स्तर पर जो गड़बड़ियां हो रही हैं, कलेक्टर-एसपी उन पर लगाम लगाएं। निचले स्तर पर गड़बड़ियां रुकेंगी तो अपराधों पर अंकुश लगाया जा सकेगा। ।

जनता से अच्छा व्यवहार करें
गृह मंत्री ने कहा है कि पुलिस हो या अन्य विभाग के अफसर, उन्हें जनता से अच्छा व्यवहार करना ही होगा। यह बात उन्होंने पेटलावद और बालाघाट में पुलिस की भूमिका को लेकर पूछे गए एक सवाल के जबाव में कही।

हम चाह लें तो कोई माई का लाल अवैध काम नहीं कर सकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम चाह लें तो कोई माई का लाल अवैध काम नहीं कर सकता। अफसरों को इसलिए सतर्क होकर काम करना है। उन्होंने पेटलावद और गंधवानी का जिक्र करते हुए कहा कि त्यौहारों के पहले शांति समिति की जो बैठकें होती हैं, उनमें दिए गए निर्देशों का पालन होना चाहिए ताकि अप्रिय घटना न हो। एक जगह की घटना का असर पूरे प्रदेश पर होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध हथियार बनाने वालों को पकड़ने के बाद उनके पुनर्वास के लिए कलेक्टर काम करें। उनकी काउंसलिंग कर स्वरोजगार दिलाएं। उन्हें ऐसा काम दोबारा करने से रोकें।

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