छठवें वेतनमान के गणना पत्रक में अध्यापकों को वरिष्ठता का लाभ नहीं

डी.के.सिंगौर/मंडला। छठवें वेतनमान के नाम से जारी गणना पत्रक जो कि आदेश जारी होने के 7 महीने बाद संशोधन के साथ  जारी किया गया है उसमें अभी भी विसंगतिया व्याप्त हैं। यद्यपि वरिष्ठ अध्यापक और सहायक अध्यापक के प्रारम्भिक वेतन की गणना 10230 और 7440 से करने से अध्यापकों को राहत जरूर मिली है लेकिन 1998 और बाद में नियुक्ति अध्यापकों के वेतनमान गणना में वरिष्ठता का कोई लाभ नहीं दिया गया है यहां तक कि क्रमोन्नति प्राप्त अध्यापकों के वेतन की गणना में भी गणना पत्रक मौन है। 

पदोन्नति लिये अध्यापकों का वेतन क्रमोन्नत अध्यापकों से कम हो रहा है सहायक अध्यापक और वरिष्ठ अध्यापकों के टेबल का आधार अध्यापकों के टेबल से इतर है। इसके पहले अध्यापकों का वेतन 2 बार पुनरीक्षित किया गया है। 2007 में जब अध्यापक संवर्ग का गठन किया गया था तब तीन साल की सेवा की एक वेतनवृद्वि का लाभ दिया गया था अप्रैल 2013 में जब वेतन संरचना में परिवर्तन किया गया तो वरिष्ठता का लाभ मिले इसी वेतनमान पर 1.62 के गुणांक का लाभ दिया गया जिससे वेतन में वरिष्ठता कायम थी। यह प्रथम अवसर है जब वरिष्ठता को नजर अंदाज किया गया है। 

गणना पत्रक से वेतन निर्धारण बहुत स्पष्ट नहीं है उदाहरण चार्ट भी नहीं दिया गया है कण्डिका 2.1 के अनुसार वेतन निर्धारण दिसम्बर 15 के विद्यमान वेतनमान में प्राप्त वेतन के आधार पर किये जाने का उल्लेख है यह सीनियर अध्यापकों के लिये लाभप्रद हो सकता है लेकिन उस अनुसार परिशिष्ट में स्लेब न होने से निर्धारण कैंसे होगा अस्पष्ट है। वहीं कण्डिका 2.3 में वेतन निर्धारण  सेवा अवधि के आधार पर उल्लेखित है। फिलहाल क्रमोन्नत अध्यापकों का वेतन निर्धारण इस गणना पत्रक से नहीं हो सकता। अध्यापक संघर्ष समिति शिक्षा विभाग में संविलियन तक अपना आंदोलन जारी रखेगी। संघ के संजीव सोनी,अजय मरावी,गंगाराम यादव सुनील नामदेव, रवीन्द्र चौरसिया,मंशाराम झारिया,राकेश जायसवाल,नंदकिशोर मार्को, प्रकाश सिंगौर,मोहन यादव,नंदकिशोर कटारे,उमेश यादव,चंद्रशेखर तिवारी,अमरसिंह चंदेला आदि ने एकता कायम रखते हुये संविलियन तक लड़ाई जारी रखने की अपील की है।

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