7वां वेतनमान: अफसरों को मिलेगा, कर्मचारियों को नहीं मिलेगा

भोपाल। मप्र के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक की सैलरी में इस माह से 45 हजार रुपए की बढ़ोतरी होगी। उनकी सैलरी 1 लाख 80 हजार रुपए से बढ़कर अब 2 लाख 25 हजार होगी। कलेक्टर का वेतन भी 1 लाख 22 हजार रुपए हो जाएगा। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के सातवें वेतनमान की व्यवस्था को अखिल भारतीय सेवा पर लागू कर दिया, लेकिन मप्र शासन की विभिन्न सेवाओं में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए 7वां वेतनमान अब दूर की कौड़ी हो गया है। फिलहाल तो शहडोल उपचुनाव की बयार में कर्मचारियों का 7वां वेतनमान बह गया है। 

एरियर की राशि करीब डेढ़ से ढाई लाख रु. मिलेगी
हर अधिकारी को एरियर की राशि भी करीब 1.5 से 2.5 लाख रु. मिलेगी। मध्यप्रदेश सरकार में आईएएस की संख्या 333, आईपीएस की 304 तथा आईएफएस की 280 है। राज्य सरकार ने राज्य सेवा के अधिकारियों व कर्मचारियों के बारे में फैसला नहीं लिया है। हालांकि वित्तमंत्री जयंत मलैया ने कह चुके हैं कि जल्द से जल्द राज्य सेवा के अधिकारियों व कर्मचारियों को भी सातवां वेतनमान दिया जाएगा। इस आश्वासन से उम्मीद की जा रही है थी कि दिवाली के पहले यह वेतनमान मिलेगा, मगर शहडोल में उपुचनाव के लिए आचार संहिता लागू हो गई। ना भी लगती तो भी कैबिनेट की प्रक्रिया इस बार पूरी नहीं होनी थी। 

यह है अफसरों का वेतन पहले/अब
सीएस/डीजीपी/पीसीसीएफ 1,80,000 से 2,25,000 
अपर मुख्य सचिव 1,80,000 से 2,25,000
प्रमुख सचिव 1,73,000 से 1,99,100
सीनियर आईएएस/ कलेक्टर, एसएसपी, सचिव व कमिश्नर से आईजी तक : 1,18,500 से 1,44,200
आईएएस या कलेक्टर और आईपीएस या एसपी : 56,100 से 78,800 रुपए

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