
सोमवार को न्यायमूर्ति आरएस झा व जस्टिस सीवी सिरपुरकर की डिवीजन बेंच के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान जनहित याचिकाकर्ता भोपाल निवासी सामाजिक कार्यकर्ता एमवाय चौधरी की ओर से अधिवक्ता सौरभभूषण श्रीवास्तव ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि थुवाखेड़ा स्थिति जो जमीन विधिवत शासकीय रिकॉर्ड में दर्ज है, उसके ऊपर एक नहीं दो-दो प्राइवेट शिक्षण संस्थान धड़ल्ले से संचालित हैं। इसके बावजूद ठोस कार्रवाई नदारद है।
ऐसा इसलिए क्योंकि संचालकों का राजनीतिक रसूख है। वे शासन-प्रशासन पर दबदबा रखते हैं। दरअसल, इसीलिए व्यापक जनहित में हाईकोर्ट की शरण ली गई। इससे पूर्व उच्च स्तर पर शिकायतें भी की गईं, जो नक्कारखाने में तूती की आवाज बनकर रह गई।