भर्ती चयन परीक्षा 2006: फेलियर्स को दे दीं नौकरियां

धनंजय प्रताप सिंह/भोपाल। मंत्रालय सहित सभी सरकारी महकमों में सहायक ग्रेड-तीन व स्टेनो टाइपिस्ट की भर्ती के लिए टाइपिंग में दक्षता और कम्प्यूटर ज्ञान अनिवार्य योग्यता है, लेकिन मंत्रालय के आला अफसरों और व्यापमं का मिला-जुला खेल देखिए, जिन प्रत्याशियों को टाइपिंग-कम्प्यूटर टेस्ट, शार्टहैंड में शून्य अंक मिले, वे बाबू बना दिए गए।

मामला 2009 की बैकलॉग भर्ती का है, जिसमें 24 ऐसे युवक-युवतियों को नौकरी दे दी गई, जो योग्य ही नहीं थे। विशेष भर्ती अभियान के तहत अयोग्य लोगों को नियुक्त करने के दौरान सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव के सुदेश कुमार थे।

2009 में की नियुक्ति
व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) एक बार फिर सुर्खियों में है। सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय में सहायक ग्रेड-तीन और स्टेनो टाइपिस्ट के बैकलॉग के खाली पदों को भरने के लिए व्यापमं ने 'भर्ती चयन परीक्षा 2006" आयोजित की थी। सचिवालय सेवा भर्ती नियम के मुताबिक व्यापमं को इसके लिए सामान्य ज्ञान की लिखित परीक्षा और कम्प्यूटर, शार्टहैंड व टाइपिंग के लिए प्रायोगिक परीक्षा लेकर चयन सूची बनाना था। इसके विपरीत जाकर व्यापमं ने सिर्फ कम्प्यूटर टेस्ट और मैन्युअल टाइपिंग की प्रायोगिक परीक्षा लेकर मैरिट लिस्ट तैयार कर मंत्रालय को सौंप दी। इसमें 10वीं और 12वीं के अंक भी जोड़े गए।

व्यापमं की इस मेरिट और वेटिंग लिस्ट में 24 प्रत्याशी ऐसे थे, जिन्हें कम्प्यूटर टेस्ट और मैन्युअल टाइपिंग में जीरो अंक मिले थे। भर्ती नियमों के मुताबिक इनको नियुक्ति नहीं दी जा सकती थी, फिर भी जीएडी के तत्कालीन प्रमुख सचिव सुदेश कुमार ने सभी को नियुक्ति दे दी। इसमें उन लोगों को स्टेनो टाइपिस्ट बना दिया गया, जिन्हें शार्टहैंड के टेस्ट में शून्य अंक मिले थे। 'नईदुनिया" के पास व्यापमं की लिस्ट भी मौजूद है।

सर्टिफिकेट पर संदेह
प्रदेश में लंबे समय से चला आ रहा टाइपिंग घोटाला भी उजागर हुआ है। एसटीएफ इस मामले की जांच कर रही है। मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि जिन लोगों को टाइपिंग में शून्य अंक मिले, उनके सर्टिफिकेट भी संदेहास्पद हैं। जब उन्हें टाइपिंग आती ही नहीं थी, तो बोर्ड ने प्रमाण पत्र कैसे जारी कर दिया। जाहिर है कि बड़े स्तर पर गड़बड़ी की गई है।

पदोन्नत भी हो गए कर्मचारी
टाइपिंग न आने के बावजूद पदोन्नति में आरक्षण का लाभ लेकर आरक्षित वर्ग के ये सभी कर्मचारी सहायक ग्रेड-दो और निज सहायक (पीए) के पद पर पदोन्नत भी हो गए हैं।

जिन्हें मिले जीरो अंक
लोकेश महावर, सरिता भकोरिया, भारती गढ़वाल, सुरेखा सोमकुंवर, अर्चना मेश्राम, ज्योति महावर, सच्चिदानंद धुर्वे, प्रदीप कुमार गंजाम, चंद्रपाल बाथम, मुकेश मेहता, दिलीप सिंह मोरी, दिनेश सिंह कनेर, लोकेश कुमार घोरमरे, अमर सिंह कुमरे, कुसुम लता मरकाम, सरला उईके, अंजू ठाकुर, सावित्री काकोड़िया, सरिता कुमारी उईके।

इनका कहना है
मेरे कार्यकाल में ऐसी कोई नियुक्ति नहीं हुई है। पहले हुई हो, तो पता नहीं है। मेरे कार्यकाल में सिर्फ 9 नियुक्तियां हुई हैं जिन्हें पूरी तरह परीक्षण के बाद नियुक्त किया गया है।
मुक्तेश वार्ष्णेय, प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग

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