नईदिल्ली। आरबीआई के नए गर्वनर उर्जित पटेल को अब कौन नहीं जानता। कम से कम बैंकिंग से जुड़ा हर व्यक्ति उन्हें अच्छी तरह से पहचानता है परंतु पीति आयोग के अधिकारी शायद उन्हें नहीं पहचानते। नीति आयोग में हुई एक बैठक में स्वागत अधिकारी उर्जित के बजाए किसी दूसरे व्यक्ति का स्वागत कर अंदर ले गए। पीछे से जब उर्जित पहुंचे तो गार्ड ने उन्हें रोक लिया और आईडी कार्ड मांगा।
पूरा वाकया कुछ यूं था, भारतीय रिजर्व बैंक के 24वें गवर्नर के रूप में विगत मंगलवार को अपना पदभार संभालने के बाद उर्जित पटेल नीति आयोग के साथ अपनी पहली बैठक के लिए दिल्ली के संसद मार्ग स्थित प्रधान कार्यालय पहुंचे। उर्जित पटेल का नीति आयोग के चेयरमैन अरविंद पनगड़िया के साथ मंगलवार शाम को बातचीत का कार्यक्रम तय था। नीति आयोग के प्रधान कार्यालय के अधिकारियों ने उर्जित के स्वागत के लिए सारी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली थीं और एक वरिष्ठ अधिकारी कार्यालय के रिसेप्शन पर उनके आने का इंतजार कर रहे थे।
तभी कार्यालय के गेट पर एक महंगी कार आकर रुकी और उन अधिकार महोदय ने घड़ी में समय देखा। उर्जित के आने का समय हो गया था। उन्होंने आनन-फानन में उस गाड़ी की तरफ बढ़कर स्वागत की रश्म अदायगी पूरी की और उसमें सवार व्यक्ति को उर्जित पटेल समझ उसकी आगवानी करते हुए उसे नीति आयोग के कार्यालय के मेन गेट तक लेकर आए।
इसके कुछ ही मिनट बाद उर्जित पटेल भी अपनी कार से वहां पहुंचे और हाथ में दस्तावेजों का बंडल लिए हुए अकेले ही नीति आयोग प्रधान कार्यालय के मेन गेट पर पहुंचे। मेन गेट पर तैनात केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवान ने उर्जित को नहीं पहचाना और उन्हें अंदर जाने से रोकते हुए अपना आईडी कार्ड दिखाने के लिए कहा। उर्जित पटेल ने बिना किसी हिचकिचाहट के एक सामान्य व्यक्ति की तरह सीआईएसएफ जवान को अपना आईकार्ड दिखाया, जिसके बाद जवान ने उन्हें अंदर जाने दिया।