NHM से हटाए गए संविदा कर्मचारियों के विरोध में प्रदर्शन | कर्मचारी समाचार

भोपाल। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत सरदार वल्लभ भाई पटेल निशुल्क दवा वितरण योजना में कार्य करने वाले एक हजार दवा सहायकों (स्र्पोटिंग स्टाफ) तथा अप्रैजल के नाम पर हजारों संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने के विरोध में मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर के नेतृत्व में सेवा से हटाये गये सैकड़ों कर्मचारियों ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री रूस्तम सिंह को उनके निवास पर पहुंचकर ज्ञापन दिया तथा अपनी पीढ़ा बताई। 

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत सरदार वल्लभ भाई पटेल दवा वितरण केन्द्रों में कार्य करने वाले संविदा सहायकों की सेवा बहाली तथा अप्रैजल के नाम पर जिन संविदा कर्मचारियों को हटाया गया है उन सभी संविदा कर्मचारियों को सेवा में पुनः लिये जाने मांग की। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि सरदार वल्लभ भाई पटेल निःशुल्क दवा वितरण केन्द्रों में समाचार पत्रों में विज्ञापन निकालकर विधिवत् एमपी आनलाईन की परीक्षा में मेरीट के आधार पर उत्तीण होकर दवा वितरण सहायकों की नियुक्ति विगत तीन वर्ष पूर्व की गई थी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) ने तीन वर्ष कार्य लेने के पश्चात् जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश जारी किये गये हैं कि वर्ष 2016-17 की वार्षिक कार्य योजना में दवा वितरण सहायकों के पद की स्वीकृति और बजट नहीं होने के कारण इनकी सेवाएं समाप्त की जाएं। जिसके कारण जिलों में कार्यरत दवा वितरण सहायकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। उसके बाद संविदा कर्मचारियों ने पुरानी जेल पहाड़ी, अरेरा हिल्स स्थित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर मिशन संचालक को ज्ञापन सौंपा। 

महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि सरदार वल्लभ भाई पटेल दवा वितरण योजना में इनके साथ फार्मासिस्ट, कम्प्युटर आपेरटर की भी नियुक्ति की गई थी उनकी सेवाएं यथावत् जारी हैं । केवल दवा वितरण सहायकों की सेवाएं समाप्त करने के निर्देश जारी किये गये हैं । साथ अप्रैजल के नाम पर हजारों संविदा कर्मचारियों को हटा दिया गया है उनकी भी बहाली की जाए। 

महासंघ का आरोप
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लगातार कर्मचारियों को नौकरी से हटाकर दमनकारी नीति अपना रहे हैं जिससे कि नागरिकों में सरकार के प्रति आक्रोश फैले और सरकार के खिलाफ आंदोलन हों। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा है कि इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की जायेगी। 

विभाग द्वारा लिया जा रहा है वार्षिक कार्य योजना का झूठा सहारा
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा बार-बार यह कहा जा रहा है कि वार्षिक कार्य योजना में पद समाप्त हो गये हैं । जबकि असलीयत यह है कि वार्षिक कार्य योजना यहीं से बनाकर भेजी जाती है । अधिकारियों के द्वारा खुद ही म.प्र. से कार्य योेजना में इनके पद प्रस्तावित नहीं किये जिसके कारण केन्द्र से बजट नहीं आया अब अधिकारी केन्द्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय पर आरोप लगा रहे हैं कि वहां से बजट नहीं आया जबकि यहीं से इन पदों के लिए बजट प्रस्तावित नहीं किया गया। 

संविदा बहाली नहीं की गई तो होगा उग्र आंदोलन
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा है कि अधिकारियों की मनमर्जी बर्दाश्त नहीं की जायेगी यदि संविदा बहाल नहीं की गई तो किया जायेगा उग्र आंदोलन। 

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !