मुकेश मंगल/इंदौर। आईजी/डीआईजी समेत पुलिस के आधा दर्जन अफसरों की इन दिनों नींद हराम हो गई है। एक हैकर ने दो महीने से उन्हें परेशान कर रखा है। वो आधीरात को फोन लगाता है और रिसीव करते ही गालियां देना शुरू कर देता है। उसने एक महिला सीए का फोन हैक कर रखा है। उसी से फोन लगाता है। इतना ही नहीं अफसरों के फोन से महिला को फोन लगाकर गालियां देता है।
किसी हैकर ने आईजी, डीआईजी समेत कई पुलिस अधिकारियों और एक महिला सीए का नंबर हैक कर लिया। वह रात को सीए के नंबर से पुलिस अधिकारियों और इनके नंबर से सीए के साथ गाली-गलौज करने लगा। उसके निशाने पर इंदौर में पदस्थ एक सीएसपी सहित रावजी बाजार, जूनी इंदौर, चंदन नगर क्षेत्र के टीआई सहित आधा दर्जन पुलिस अफसर भी थे। गालियों से परेशान पुलिस ने जब सीए और उसके इंजीनियर भाई को पकड़ा तो उनका कहना था कि हमें तो आईजी, एसपी गालियां दे रहे हैं। उन्होंने इन बंगलों के नंबरों की लिस्ट पुलिस को दी। जब पुलिस ने खुद की और सीए के परिवार की कॉल डिटेल निकलवाई तो उन्हें हैकिंग का माजरा समझ में आया।फिलहाल गालियों से तिलमिलाई पुलिस हैकर्स को ढूंढ रही है।
रात 1 बजे देता है गालियां
गालियों से परेशान जूनी इंदौर टीआई ने अपनी परेशानी चंदन नगर टीआई को बताई। उनका कहना था कि कोई शख्स दो महीने से रात को 1 बजे मोबाइल पर गालियां दे रहा है। इस पर चंदन नगर टीआई का जवाब था कि- अच्छा! तुम्हें भी कोई गालियां दे रहा है। जूनी इंदौर के टीआई ने कहा-मतलब? तो चंदन नगर के टीआई बोले- यार, मैं तो बड़ा परेशान हूं। रात को 1 बजे सो रहा था कि मोबाइल बजा। मैंने उठाया तो हैलो बोलते ही गालियां सुनाई दीं। स्पीकर ऑन हो गया तो पत्नी ने भी सुन लिया, तब से वो ताने मार रही है।
सारे टीआई परेशान
दोनों टीआई ने मिलकर रावजी बाजार के टीआई को घटना बताई तो उनका भी जवाब कुछ ऐसा था कि तुम भी गालियां सुन रहे हो। यार मैं भी परेशान हूं। कुछ इंतजाम करना होगा। ये एक पुलिस अधिकारी के साथ नहीं, बल्कि दर्जनों के साथ हो रहा था। हैरान-परेशान पुलिस अधिकारियों ने मोबाइल नंबर की पड़ताल की तो वो इंदौर के एक नामी टैक्स टैक्टिशनर अरविंद गुप्ता का निकला।
महिला सीए ने भी दी गालियां
इनका एक भाई वासु इंजीनियर तो पत्नी सीए है। जब अधिकारियों ने मोबाइल लगाकर थाने आने को कहा तो उधर से महिला सीए बबिता गुप्ता ने पुलिस वालों को जमकर फटकारा और कहा कि तेरे जैसे पुलिस वालों को तो बीच चौराहे पर सूली पर टांग दूंगी। दरअसल, महिला को लगा कि कोई मजाक कर रहा है। फटकार से गुस्साई पुलिस जब सीए के घर पहुंची, तो उन्हें माजरा समझ आया कि ये तो असली पुलिस है। थाने में महिला और उसके पति ने बताया कि हम आपको नहीं, बल्कि आपके डीआईजी और पुलिस अधिकारी हमें 2 महीने से गालियां दे रहे हैं। ये रही नंबरों की लिस्ट।
दो महीने से गालियां खा रहे टीआई ने भरोसा नहीं किया
जब महिला और उसके पति की कॉल डिटेल निकलवाई गई तो आउट गोइंग कॉल में एक भी पुलिस अधिकारी का नंबर नहीं था, जबकि इनकमिंग में आईजी और एसपी बंगले सहित तमाम पुलिस वालों के नंबर थे। अब कॉल डिटेल देखकर घनचक्कर हो चुकी पुलिस ने साइबर एक्सपर्ट की मदद ली तो पता चला कि कोई नेट कॉलिंग के इंटरनेशनल रूट से पुलिस और महिला के परिवार का परेशान कर रहा है। बदनामी के डर से पुलिस ने मामला दर्ज न करके केवल आवेदन लेकर क्राइम ब्रांच को मामला सौंपा है।