नईदिल्ली। अब तक आपने अपने घर पर प्रॉपर्टी टैक्स, साफ सफाई कर और जलकर ही लगते देखे होंगे लेकिन उत्तराखंड का एक शहर ऐसा है जहां घर में मौजूद हर टॉयलेट सीट पर टैक्स वसूला जाएगा। यह शायद दुनिया का अकेला शहर है जहां टॉयलेट टैक्स लगने जा रहा है। लैंसडाउन छावनी परिषद् ने हर घर और होटल की प्रत्येक टॉयलेट सीट के हिसाब से टैक्स वसूलने की योजना बनाई है।
पर्यटन नगरी लैंसडाउन में छावनी परिषद एक ऐसा टैक्स लगाने जा रही है, जिसको सुनकर हर कोई हैरान है। कैंट क्षेत्र में जितने भी आवासीय और व्यावसायिक भवन हैं, कैंट बोर्ड उनमें मौजूद जितनी भी टॉयलेट सीट हैं, उसके हिसाब से नया टैक्स लगाने जा रही है।
पर्यटन नगरी लैंसडौन में पिछले कुछ समय में जिस प्रकार से पर्यटकों की गतिविधियां बढ़ी हैं, उसको देखते हुए छावनी परिषद ने अब हर घर और होटल की प्रत्येक टॉयलेट सीट के हिसाब से टैक्स वसूलने की योजना बनाई है। छावनी परिषद की अधीशासी अधिकारी अंकिता सिंह ने नए टैक्स को जनहित में बताते हुए कहा कि इस टैक्स से छावनी परिषद् की जनता के हित में ही विकास कार्य होने हैं।
उधर दूसरी ओर छावनी परिषद की इस योजना का विरोध भी होने लगा है। स्थानीय समाजिक कार्यकर्ता अनुज खंडेलवाल की यदि मानें तो होटलों तक तो यह टैक्स समझ में आता है, लेकिन घरों पर भी इस टैक्स को लगाये जाने की योजना समझ से परें है। दरअसल होटल तो व्यवसाय कर रहें हैं, लेकिन जो गरीब जनता सालों से अपने टूटे घरों में निवास कर रही है, उन पर भी नया टैक्स लगा देने से छावनी परिषद अच्छा संदेश नहीं दे रही है।