भोपाल। कल ही यह तय हुआ था कि नंदकुमार सिंह चौहान अब अपने नेताओं के खिलाफ मीडिया में तीखी प्रतिक्रिया और कार्रवाई के नोटिस जारी नहीं करेंगे बल्कि आपस में बातचीत करके मामले को शांत करेंगे लेकिन गुरूवार को नंदकुमार सिंह चौहान ने कैलाश विजयवर्गीय की लगाई आग में फिर से घी डाल दिया।
यह ट्वीट किया था कैलाश विजयवर्गीय ने
'हमने #Indore से जल्द #Metro शुरू करने का वादा किया था, लेकिन, राज्य सरकार की गति से लग रहा है शहर में मेट्रो नहीं बैलगाड़ी आने वाली है। कुछ ही देर में इस ट्वीट को कैलाश विजयवर्गीय के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से डिलीट कर दिया गया। इसकी जगह दूसरा ट्वीट किया गया, जिसमें राज्य सरकार की जगह 'प्रशासनिक अफसर' लिखा था।
फिर क्या कहा नंदकुमार सिंह चौहान ने
हालांकि बात बन गई थी। आग बुझ गई थी, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह ने इसे फिर से भड़काने के लिए बयान दिया 'कैलाश जी जब से दिल्ली गए हैं, मप्र में उनका मन कम लगता है।' उन्होंने कहा कि ट्वीट या बयानों से पार्टी पर संकट नहीं आएगा। संकट तो टिप्पणी करने वालों के लिए है।
इंदौर में कैलाश ने दिया जवाब
कैलाश विजयवर्गीय ने एक टीवी कार्यक्रम में नंदकुमार सिंह को सीधे निशाने पर लेते हुए कहा कि नंदकुमार सिंह खुद को मुख्यमंत्री ना समझें, संगठन ने जो जिम्मेदारी दी है। उसे निभाएं।
संघ ने दखल देकर शांत कराया
विवाद जब देशभर की मीडिया में सुर्खियां बना तो संघ ने दखल देकर मामला शांत कराया। नंदकुमार सिंह चौहान को समझाया गया कि वो अपनी पार्टी के नेताओं के खिलाफ मीडिया में बयान जारी ना करें और ना ही सरकार विरोधी बयान देने वाले भाजपा नेताओं को कार्रवाई के नोटिस जारी करें बल्कि बातचीत से मामला शांत कराएं।
नंदूभैया ने फिर घी डाल दिया
लेकिन नंदूभैया ने संघ की सलाह पर ज्यादा देर तक अमल नहीं किया। गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में प्रदेशाध्यक्ष ने यहां तक कहा कि उनकी शराफत, उनकी कमजोरी नहीं बल्कि ताकत है। पार्टी ने उनका आंकलन कर रही है। उन्होंने कहा कि कैलाश विजयवर्गीय पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं उनके मामले में राष्ट्रीय संगठन ही कोई फैसला ले सकता है।