
मुख्यमंत्री के वकील पुरुषेंद्र कौरव ने याचिकाकर्ता अंतरसिंह दरबार और कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्रसिंह सलूजा का प्रतिपरीक्षण किया। गवाहों ने कोर्ट में कहा कि सीएम ने भाजपा के घोषणा-पत्र से बाहर जाकर घोषणाएं की थीं। उन्होंने मतदाताओं को मेट्रो ट्रेन चलाने और पट्टा देकर मालिक बनाने का लालच दिया था।
एडवोकेट कौरव ने गवाहों से कहा कि महू में मेट्रो ट्रेन का सर्वे तो जुलाई 2012 में हो चुका था फिर इसे दूषित आचरण कैसे कहा जा सकता है। विधायक प्रतिनिधि कमल पटेल के वकील ने गवाहों के प्रतिपरीक्षण के लिए समय मांगा। कोर्ट ने अगली सुनवाई 7 सितंबर को तय की। सीएम के वकील कौरव ने भी अन्य गवाहों के प्रतिपरीक्षण के लिए 16 सितंबर की तारीख ली।