सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। एक बीमार मॉ अपनी पथराई आंखों से अपने बेटे के आने का इंतजार कर रही है। कभी वह दरवाजे पर खड़ी रहती है तो कभी आने जाने वालों को देखते रहती है। लेकिन दुखद पहलु यह है कि न तो उसका बेटा आ रहा है। ना ही उसकी कोई खबर।
रोजगार की तलाश में गुजरात गया जिले का युवक करीब डेढ़ वर्ष से पाकिस्तान की जेल में कैद है। पाकिस्तान पुलिस ने सुनील को 29 मार्च 2015 को समुद्र में मछली मारने गए जहाज से गिरफ्तार किया है। तब से लेकर अभी तक सुनील पाकिस्तान की जेल में बंद है। सुनील उइके मूलतः परसवाड़ा थाना क्षेत्र के डोरा चौकी अंतर्गत खुड्डीपुर गांव का निवासी है।
सुनील गांव के ही कुछ युवकों के साथ वर्ष 2015 में रोजगार की तलाश में गुजरात राज्य गया था। जहां वह अपने दोस्तों के साथ अलग-अलग जहाजों में मछली मारने का कार्य करने लगे। 29 मार्च 2015 को जिस जहाज में सुनील कार्य करता था, वह पाकिस्तान की सीमा में चला गया। जिसे पाकिस्तान की नेवी पुलिस ने गिरफ्तार कर ली। मौजूदा समय में सुनील पाकिस्तान के मलीर लंदी सिंध जेल करांची के इएसटी-34 के सर्किल-4 के ब्लॉक सी-4 में कैद है। वहीं सुनील के दोस्त और परिजन सुनील को जल्द रिहाई कारने की मांग प्रशासन से कर रहे है।
पाकिस्तान पुलिस द्वारा उससे उसके पहचान पत्र, भारत का निवासी होने के संबंध में दस्तावेजों की मांग कर रहे हैं, जो कि उसके पास मौजूद नहीं थे। लिहाजा, सुनील ने पाकिस्तान की ही जेल से अपने परिजनों को दस्तावेज उपलब्ध कराए जाने के लिए एक पत्र लिखा है। इसी पत्र के आधार पर सुनील के परिजनों ने कलेक्टर व एसपी से मुलाकात की। जिसके बाद सुनील के डूप्लीकेट दस्तावेजों को तैयार किया गये। उन्ही दस्तावेजों के आधार पर प्रशासन, प्रदेश सरकार और विदेश मंत्रालय से चर्चा किया गया इसी आधार पर सुनिल उइके के परिजनों को प्रधान मंत्री कार्यालय दिल्ली से एक पत्र भेजा गया जिसमे लिखा हैं। कि आपके दारा भेजे हुए पत्र पर आवश्यक कार्यावाही की जा रही हैं। जिससे उसके परिजनों को उनके बेटे सुनिल के जल्द लौट आने की उम्मीद जागी है।