
आदेश के साथ ही सीआईडी के एआईजी दिलीप सिंह तोमर के नेतृत्व में एक टीम बालाघाट पहुंची। सीआईडी की टीम ने मामले से जुड़े तमाम लोगों के बयान दर्ज किए। आईजी लॉ एंड ऑर्डर मकरंद देउस्कर ने कहा कि, मामला आपराधिक होने के कारण पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी होने में समय लगेगा। संघ प्रचारक से मारपीट का आरोप एएसपी राजेश शर्मा, टीआई समेत कई पुलिसकर्मियों पर लगा है। हंगामा होने पर आरोपी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों पर हत्या के प्रयास समेत दूसरी धाराओं में एफआईआर भी हुई। आईजी ने कहा कि, आरोपियों की गिरफ्तारी जांच पूरी होने के बाद सबूतों के आधार पर की जाएगी। सीआईडी के साथ बालाघाट पुलिस भी मामले की जांच रही है. सभी जांच की मॉनीटिरिंग पीएचक्यू स्तर पर की जा रही है।
बता दें कि अब यह मामला विवादित हो गया है। पुलिस पर मारपीट के अलावा प्रचारक सुरेश यादव पर भी आरोप लगे हैं कि उन्होंने पहले अत्यंत भड़काऊ पोस्ट किए और जब पुलिस ने संतुलित कार्रवाई की तो खुद उग्र होते हुए मामले को राजनैतिक रंग दिया। इस मामले में प्रचारक का इलाज कर रहे डॉक्टर भी जांच की जद में आ सकते हैं। बताया जा रहा है कि प्रचारक को उतनी चोटें नहीं आईं, जितना कि डॉक्टर ने प्रदर्शित कर दीं हैं।