
ये सभी वो कॉलेज हैं जिनमें चालू शैक्षणिक सत्र में 20 फीसदी या उससे भी कम प्रवेश हुए हैं। इस दशा में तकनीकी शिक्षा विभाग कॉलेजों में सुविधाओं की कमी का परीक्षण भी करा रहा है। इसकी रिपोर्ट मिलते ही कॉलेजों को बंद करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
प्रदेश में 192 निजी इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। इसमें से 60 कॉलेजों की 200 ब्रांच में चालू शैक्षणिक सत्र में एक भी प्रवेश नहीं हुआ, जबकि 50 कॉलेजों की अधिकतर ब्रांचों में एक या दो प्रवेश हुए हैं। 14 कॉलेजों की किसी भी ब्रांच में प्रवेश नहीं हुआ है। इनमें भोपाल के छह कॉलेज शामिल हैं। इस स्थिति को तकनीकी शिक्षा विभाग ने गंभीरता से लिया है। विभाग संबंधित कॉलेजों की सीटें खाली रहने के कारणों का पता लगा रहा है। इसके लिए अफसरों की कमेटी बनाई गई है। इस साल इंजीनियरिंग कॉलेजों की 78 हजार सीटों में से करीब 32 हजार पर प्रवेश हुए हैं।