7वें वेतनमान के खिलाफ भोपाल की सड़कों पर उतरे कर्मचारी

भोपाल। 7वें वेतनमान के खिलाफ भोपाल की सड़कों पर 10 प्रमुख संगठनों के कर्मचारी प्रदर्शन करते नजर आए। आज सुबह 9 बजे से शुरू हुई भारत व्यापी हड़ताल ने कई आवश्यक सेवाओं को प्रभावित कर दिया। जबकि इमजरेंसी सेवाएं इस हड़ताल के बाद भी जारी रखी गईं हैं। बैंक, बीमा, डाक, परिवहन, बाजार, खनन उद्योग तथा कुछ अन्य क्षेत्रों पर हड़ताल का असर देखा जा रहा है। सुबह से ही जगह-जगह श्रमिक बंद के समर्थन में जुलूस निकाले गए।

न्यूनतम वेतनमान 18000 करो 
श्रमिक संगठनों की मांगों में अकुशल श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 18000 रुपए किए जाने, ऐसे श्रमिकों को हर माह कम से कम तीन हजार रुपये पेंशन और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार द्वारा प्रस्तावित श्रम कानूनों में कुछ संशोधनों को वापस लेना शामिल है। श्रम संघ 40 कर्मचारियों वाले कारखानों को श्रम कानूनों से बाहर रखने के सरकार के निर्णय का विरोध कर रहे हैं। कुछ श्रम संघों को ड़र है नए श्रम कानूनों के लागू होने से श्रम बाजार में उनका प्रभाव कम हो जाएगा। साथ ही उन्होंने देश की सुरक्षा को खतरा होने के आधार पर विशेषकर फार्मास्युटिकल, रेलवे और रक्षा क्षेत्रों में विदेशी निवेश का भी विरोध किया है। श्रम संघ भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक भी वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

10 संगठनों ने किया प्रदर्शन 
इस हड़ताल में 10 केंद्रीय श्रम संगठनों ने शामिल होने का ऐलान किया था। इस बार हड़ताल में शामिल होने वाले कर्मचारियों की संख्या 18 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। हड़ताल के चलते शुक्रवार को इनकम टैक्स, बीएएसएनएल, बीमा कंपनी, पोस्ट ऑफिस और राष्ट्रीयकृत बैंकों में कामकाज नहीं होगा। पोस्ट ऑफिस से डाक भी नहीं बंटेगी। मप्र के कर्मचारियों ने भी हड़ताल का नैतिक समर्थन किया है।

भारतीय मजदूर संघ शामिल नहीं
हालांकि आरएसएस की विचारधारा से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने हड़ताल में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया है। इसकी जानकारी अखिल भारतीय विद्युत मजदूर महासंघ ने मीडिया को प्रेस विज्ञप्ति जारी करके दी है। भोपाल कोऑपरेटिव सेंट्रल बैंक कर्मचारी संघ के सचिव कमलेश लोखंडे ने बताया कि भोपाल कोऑपरेटिव सेंट्रल बैंक की 23 शाखाएं खुली रहेंगी। हम हड़ताल का समर्थन नहीं कर रहे हैं। प्रदेश में भी कोऑपरेटिव बैंक खुले रहेंगे।
यह पहली बार है जब मजदूर संगठन मजदूरों के सवाल पर दो दिन की हड़ताल करने जा रहे हैं। हड़ताल के व्यापक असर को भांपते हुए प्रधानमंत्री को एक दिन में दो बार हड़ताल न करने की अपील करनी पड़ी।

भोपाल में कई सेवाएं ठप 
बैंकों, इनकम टैक्स ऑफिस, बीएसएनएल, पोस्ट ऑफिस, रेलवे मेल सर्विस के दफ्फ्तरों समेत कई कारखानों में काम काज ठप रहा। इस वजह से अरेरा हिल्स स्थित डाक भवन, इनकम टैकस ऑफिस, बैंकों और बीएएसएनएल दफ्तर में काम- काज नहीं हुआ। यहां तक पहुंचे लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ा। न तो टेलीफोन के बिल जमा हुए, न ही मोबाइल के। बैंकों में पैसों का लेन- देन भी नहीं हुआ। इनकम टैक्स में पूरा काम प्रभावित रहा।

वित्तमंत्री से नाराज 
संगठनों के वीके शर्मा, यशवंत पुरोहित, प्रमोद प्रधान, रुप सिंह चौहान, जेसी बरई, पूषन भट्टाचार्य, श्यामसुंदर शर्मा, रामराज तिवारी समेत अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि पिछले 5 माह से देश भर मे इस हड़ताल की व्यापक तैयारियां चल रही थी। इस दौरान केन्द्र सरकार द्वारा गठित मंत्रियों के समूह ने हड़ताल का आव्हान करने वाले संगठनों से बातचीत तक करना मुनासिब नहीं समझा। इन पदाधिकारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि वित मंत्री अरूण जेटली की पत्रकार वार्ता गुमराह करने वाली है। वित मंत्री गलत आंकड़े बताकर भ्रम फैला रहे हैं।

यहां हुए प्रदर्शन 
यादगारे शाहजहांनी पार्क में सभा, वहां से नीलम पार्क तक रैली।
इनकम टैक्स व अन्य केंद्रीय कर्मचारियों की डाक भवन से आयकर दफ्तर तक रैली, फिर वहां सभा।
बैंक कर्मचारियों की एमपी नगर जोन-1 स्थित ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स के रीजनल ऑफिस से रैली, फिर सभा।

ये हैं प्रमुख मांगें
सातवें वेतनमान की विसंगतियों को सरकार तय समय सीमा में दूर करे।
न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए दिया जाए, फिटमेंट फार्मूला में बदलाव किया जाए।
न्यू पेंशन स्कीम को खत्म किया जाए।
निजीकरण, आउटसोर्सिंग, ठेकेदारी प्रथा रोकी जाए।
रेलवे और रक्षा में एफडीआई पर रोक लगे।
खाली पदों पर भर्ती की जाए, पाबंदी हटाई जाए।
ग्रामीण डाक सेवकों को विभागीय कर्मचारी माना जाए।
महंगाई रोकने के लिए पीडीएस का सबके लिए उपलब्ध कराया जाए।

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