
यह पैसा छठवें वेतनमान की प्रतिपूर्ति के रूप में दिया जा रहा था। अध्यापकों के आंदोलन के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें 1 जनवरी 2016 से छठवां वेतनमान देने की घोषणा की थी इसके आदेश भी जारी हुए लेकिन गणना पत्रक विसंगतियों के कारण स्थगित हो गया। यह अभी तक जारी नहीं हो पाया है।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अध्यापकों को यह राशि छठवें वेतनमान के एवज में मिल रही थी, जब सरकार ने 1 जनवरी 2016 से छठा वेतनमान देने की घोषणा कर दी है तो यह एरियर देने की जरूरत ही नहीं है। ढाई लाख अध्यापक अपने ढाई सौ नेताओं की तरफ उम्मीद की नजर से देख रहे हैं और ढाई सौ नेता, ढाई दर्जन संगठनों के जाल जंजाल में फंसे हुए हैं। कुल मिलाकर ढाई लाख अध्यापकों की दीपावली खोटी हो गई।