
सातवें वेतनमान की सिफारिशें केन्द्र सरकार ने लागू कर दी हैं। छत्तीसगढ़, गुजरात और राजस्थान सहित अन्य राज्यों ने वेतनमान की समीक्षा करने के लिए समितियां गठित कर दी हैं। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 15 अगस्त को घोषणा की है कि कर्मचारियों को 7वां वेतनमान दिया जाएगा। इस घोषणा के तत्काल बाद वित्त विभाग ने तैयारी शुरू कर दी। विभाग ने सबसे पहले उन ग्रेड-पे स्लेव को एकजाई किया है जो केन्द्र और राज्य में एक समान हैं। लेकिन, एक पेंच भी है कि जिन ग्रेड-पे के स्लेब में केन्द्र और राज्य में अंतर है, उसे कैसे दूर किया जाए। तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के ग्रेड पे में अंतर आ रहे हैं।
वेतनमान को लेकर बने अंतर को समाप्त करने के लिए अलग से चार्ट बनाया जाएगा। इसके पहले मुख्यमंत्री के समक्ष सारी जानकारी प्रस्तुत की जाएगी। इसके बाद जैसे ही डेट आनाउंस होगी। वित्तविभाग प्रस्ताव प्रस्तुत कर देगा। यहां एक पेंच यह भी फंस सकता है कि वित्तमंत्री चाहते हैं कि 7वें वेतनमान का ऐलान वो करें, जबकि कर्मचारियों के मामले अब तक सीएम शिवराज सिंह ही देखते आए हैं। ऐसा अवसर सीएम किसी भी हालत में खो नहीं सकते।