भोपाल। पदोन्नति में आरक्षण प्रकरण पर माननीय उच्च न्यायालय खंड पीठ जबलपुर द्वारा दिनांक 30.4.2016 को पारित निर्णय में मध्य प्रदेश लोक सेवा पदोन्नति नियम 2002 को असंबैधानिक करार दिया जा कर उक्त नियमो के तहत हुई अनुसूचित जाति एवं जनजति वर्ग के अधिकारियों कर्मचारियों कीे पदोन्नतियो को निरस्त कर दिया गया था। उक्त निर्णय के विरूद्ध प्रदेश सरकार द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय में एस.एल.पी. दायर की गई थी जिसकी सुनवाई 21 सिंतम्बर 2016 को नियत है ।
यह उल्लेखनीय है कि प्रकरण के निराकरण में अनावश्यक विलम्ब की मंशा से अजाक्स एवं अन्य द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय में 32 याचिकाएं दायर की गई थी। जिनकी सुनवाई दिनांक 30 अगस्त 2016 को माननीय सर्वोच्च न्यायालय की खंड पीठ में हुई। संस्था द्वारा 13 अधिवक्ताओं के माध्यम से माननीय न्यायालय को जिरह कर अवगत कराया गया कि यह मात्र प्रकरण को अनावश्यक लंबित रखने की कोशिश है।
याचिका कर्ताओं द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष कोई भी तथ्य पूर्ण जानकारी प्रस्तुत नही की जा सकी, फलस्वरूप माननीय न्यायालय द्वारा उक्त सभी 32 याचिकाओं खारिज कर दिया गया। माननीय न्यायालय के उक्त निर्णय का सपाक्स संस्था स्वागत करती है।