मप्र की 2 लाख महिला टीचर्स के फोटो व मोबाइल नंबर सार्वजनिक करेगी शिवराज सरकार

भोपाल। महिला अपराधों के लिए देश में नंबर 1 चल रहा शिवराज सरकार शायद दशकों तक नंबर 1 पर बने रहना चाहता है। शिक्षा​ विभाग ने मप्र की 2 लाख महिला टीचर्स के फोटो और मोबाइल नंबर सार्वजनिक करने का फरमान जारी कर दिया है। अब जबकि महिलाओं के फोटो और मोबाइल नंबर सार्वजनिक हो जाएंगे तो उनका क्या क्या दुरुपयोग होगा यह बताने की जरूरत नहीं। 

स्कूल विभाग ने छह दिन पहले एक आदेश जारी किया है कि स्कूलों में जितने भी शिक्षक हों, उनके फोटो और मोबाइल नंबर स्कूल के सूचना पटल पर टांगे या चस्पा किए जाएं। इतना ही नहीं शिवराज सरकार ने यह भी कहा है कि क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य जांच करें कि ऐसा हुआ या नहीं। सर्कुलर विभाग के अपर मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने जारी किया है।

इससे क्या परेशानियां आएंगी महिला टीचर्स को
अभी तक किसी भी विभाग ने अपनी महिला कर्मचारियों के मोबाइल नंबर सार्वजनिक नहीं किए हैं। यदि उनके नंबर सार्वजनिक कर दिए जाते हैं तो 'तंग करने वाले' फोन कॉल की संख्या बढ़ जाएगी। इसके चलते महिला कर्मचारियों का परिवारिक जीवन प्रभावित होगा। अनावश्यक तनाव पैदा होंगे और कई सारे विवाद भी। सोशल मीडिया के इस युग में महिलाएं अपने फोटो सार्वजनिक करने से डरतीं हैं। किसी भी फोटो को फोटोशॉप के जरिए अश्लील बनाया जा सकता है। ऐसे हजारों मामले प्रकाश में आ चुके हैं। सवाल यह है कि क्या मिस्टर मोहंती महिलाओं को इतना तंग करना चाहते हैं कि वो नौकरी ही छोड़ दें। या फिर तमाम तरह के अनावश्यक तनाव के साथ नौकरी करें। क्या इस तरह का तनाव देने से शिक्षा का स्तर सुधर जाएगा। क्या कोई महिला शिक्षक उस समय ज्यादा अच्छी पढ़ाई करवा पाएगी जबकि क्लास अटेंड करते समय अचानक किसी मनचले नेता का कॉल उनके मोबाइल पर बजेगा और वो तनाव देने वाली बातें करेगा। क्या मिस्टर मोहंती यह गारंटी दे सकते हैं कि जो जनप्रतिनिधि या कमेटी सदस्य स्कूल में आएगा वो महिलाओं के मोबाइल नंबर बदमाश किस्म के लोगों के बीच शेयर नहीं कर देगा। 

यह आदेश भी जारी किए 
बिना अनुमति के व्यक्तिगत समस्याओं के लिए मंत्रालय मत आओ, कोई बात हो तो फैक्स, मेल या वाट्सएप से बताओ। 
टीचर की स्कूल में अनुपस्थिति गंभीर कृत्य है, इसे अनधिकृत मानते हुए जितने दिन वह गैर हाजिर रहें, उतने दिन का वेतन काटो। वाजिब कारण बताए तो उसकी छुट्टी मंजूर की जाए। 
टीचर की अनुपस्थिति के समय किसी और को पढ़ाने के लिए भेज देते हैं। ऐसे में टीचर पर तो कार्रवाई हो, साथ ही एवजी के खिलाफ एफआईआर की जाए।

राज्यमंत्री को भी लगता है कि गलती हुई है 
फोटो और मोबाइल नंबर प्रदर्शित करके उपस्थिति सुनिश्चित करने का तरीका संदेह करने वाला व हास्यास्पद है। मैं किसी शिक्षक को अपमानित नहीं कर सकता। इस सर्कुलर का परीक्षण कराएंगे। खासकर महिला टीचरों के संबंध में तो यह गलत है। 
दीपक जोशी, राज्यमंत्री, स्कूल शिक्षा

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