छतरपुर की महिला कांस्टेबल ने जलती कार में से 2 लोगों को जिंदा बचाया

भोपाल। कल ही शिवपुरी से खबर आई थी कि एसएएफ के एक जवान ने अपने 3 दोस्तों को जिंदा बचाने की कोशिश इसलिए नहीं की क्योंकि वो नशे में था और वर्दी पहने हुए था। आज छतरपुर से खबर आ रही है कि अपनी ड्यूटी खत्म करके घर जा रही महिला कांस्टेबल ने सड़क पर धू धू करके जल रही कार में से 2 लोगों को जिंदा बचाया। एक तरफ कार्रवाई के डर से दोस्ती का फर्ज तक नहीं निभाया गया, दूसरी तरफ इंसानियत का धर्म निभाया गया। 

दतिया जिले के पंडोखर थाने के अंतर्गत आने वाले गांव मंगरौली के श्याम गुर्जर और राघवेंद्र गुर्जर किसी काम से छतरपुर आए थे। वे शुक्रवार दोपहर करीब 2.30 बजे नौगांव के रास्ते वापस घर लौट रहे थे। तभी नौगांव से करीब 8-9 किमी दूर स्थित गांव पुतरिया के पास उनकी कार में आग लग गई। कार गैस सिलेंडर से चल रही थी। जलती कार में आग लगने से दोनों लोग घबरा गए और कार में ही बेहोश हो गए।

तभी वहां से गुजर रही एक बस में बैठी कांस्टेबल रीना पटेल ने उनकी चीख-पुकार सुनी। कांस्टेबल ने फौरन बस को रुकवाया और कुछ यात्रियों की मदद से कांच तोड़कर दोनों यात्रियों को बाहर निकाला। बाद में नौगांव थाने से फायर ब्रिगेड बुलाई गई। दोनों लोग मामूली जले, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे गई।

कांस्टेबल रीना ने बताया कि 'मैं नौगांव थाने में पदस्थ हूं। शुक्रवार दोपहर करीब 2.10 मिनट पर मैं ड्यूटी से हरपालपुर अपने घर लौट रही थी। मेरी 4 साल की बेटी लक्षिता नाैगांव में ही एक स्कूल में पढ़ती है। वो मेरे साथ थी। हमारी बस जैसे ही गांव पुतरिया के पास पहुंची, तो मैंने देखा कि सड़क किनारे एक कार पड़ी हुई है। उसमें से धुंआ उठ रहा है। तभी मैंने खिड़की से झांककर देखा कि कोई आदमी हाथ देखकर बस को रोक रहा है। मैंने फौरन बस रुकवाई और ड्राइवर-कंडक्टर को साथ लेकर जलती कार के पास पहुंची। 

मैंने देखा कि कार के अंदर दो व्यक्ति बेहोश पड़े हुए थे। मैंने कुछ यात्रियों को नीचे बुलाया और दोनों को कार से बाहर निकालने की कोशिश करने लगी। कार के गेट जाम हो चुके थे। कार धीरे-धीरे आग पकड़ने लगी थी। इसी बीच लोग डरके मारे पीछे भागने लगे। मैँने उन्हें रोका, तो किसी ने सवाल किया-क्या यह आपके परिवार से हैं? मैंने उनकी जान बचाने हां बोल दिया। मेरे हाथ कांप रहे थे। कार के जैसे-तैसे कांच तोड़कर गेट खोलकर दोनों को बाहर निकाला। 

तब तक कार आग पकड़ चुकी थी। कार में ब्लास्ट होने की आशंका के चलते फौरन सड़क के दोनों और ट्रैफिक रुकवा दिया था। इसी बीच हमने अपने थाना प्रभारी मृगेंद्र त्रिपाठी को घटना की जानकारी दे दी थी। वे पुलिस बल के साथ वहां पहुंचे और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। मेरी बेटी बस में सहमी-सी बैठी रही। मैंने अपनी ड्यूटी अच्छे से निभाई, इसकी खुशी है।'

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !